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जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पर उठते सवालों का आयोग ने दिया जवाब, कहा- कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए पहली बार प्रश्नपत्र की हुई डिजिटल कोडिंग, पिछले वर्षो के प्रश्न दोहराये जाने के सवाल पर बोले- ऐसा होना सामान्य, हर छात्र करता है प्रीवियस ईयर प्रश्नों की तैयारी

रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने पूरा और सटीक जवाब दिया है. आयोग ने 21 और 22 सितंबर को झारखंड सामान्य स्नातक योग्यता संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 आयोजित की थी. इस परीक्षा के बाद छात्रों और विपक्ष द्वारा कई तरह के आरोप लगाए गए. जिसे लेकर अब आयोग ने सफाई दे दी है. आयोग की ओर से कहा गया कि परीक्षा पूरी तरह कदाचार मुक्त माहौल में आयोजित की गई.

आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि परीक्षा से संबंधित प्रश्नों की उत्तर कुंजी कल यानी 26 सितंबर को जारी कर दी जाएगी और कल से आयोग कार्यालय के तीसरे तल्ले पर सीसीटीवी की निगरानी में ओएमआर शीट की स्कैनिंग भी शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आयोग जल्द से जल्द रिजल्ट प्रकाशित करने की कोशिश करेगा और इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं होगी. इस परीक्षा में 6,39,900 अभ्यर्थियों के वैध आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 3,04,769 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए. परीक्षा आयोजित करने के लिए 24 जिलों में 823 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे.

पहली बार की गई प्रश्नपत्र की डिजिटल कोडिंग:

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से पहली बार राज्य सीजीएल परीक्षा में पूछे गए प्रश्नपत्र की डिजिटल कोडिंग की गई. प्रत्येक प्रश्नपत्र के ऊपर क्यूआर कोड लगाया गया था, जिसके जरिए आयोग का मानना ​​है कि अगर किसी अभ्यर्थी ने केंद्र पर इस प्रश्नपत्र का इस्तेमाल किया है तो पता चल जाएगा. जेएसएससी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने दावा किया कि परीक्षा बिना किसी कदाचार के संपन्न हुई. उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. सभी परीक्षा केंद्रों पर 9217 जैमर का इस्तेमाल किया गया और 15236 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.

पिछल वर्षो के प्रश्न आना सामान्य व संयोग:

पिछले वर्षो के प्रश्न दोहराये जाने के सवाल पर आयोग ने कहा कि पिछले वर्षो के प्रश्न परीक्षा में आना कोई नयी बात नहीं है. यह सामान्य बात है. इसीलिए हर छात्र पिछले वर्षो के प्रश्न पत्रों की तैयारी करता है. ऐसा माना जाता है कि परीक्षा में पिछले 10 वर्षो के प्रश्न पत्र से भी सवाल दोहराये जा सकते है. सीजीएल परीक्षा में पिछले वर्ष के प्रश्न आना संयोग है. ऐसा सामान्यतः होता रहता है. आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि उन्होंने भी बोर्ड परीक्षा, जेई और यूपीएससी की परीक्षा दी है. तैयारी कर रहा हर छात्र यह जानता है कि परीक्षा में पिछले वर्ष से भी प्रश्न दोहराये जा सकते है.

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