
रांची. आज रांची समेत राज्य के अलग-अलग जिलों में “झारखण्ड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा” संपन्न कराई गई। पहले दिन राज्य में कहीं से किसी भी तरह के कदाचार की कोई खबर नहीं मिली। परीक्षा को लेकर प्रशासन और सरकार पहले से ही पूरी तरह चौकन्नी थी। सिक्योरिटी इतनी जबरदस्त थी, कि परिंदा भी बिना इजाजत के पर नहीं मार सकता था। परीक्षा के दौरान सुबह 7:30 बजे से डेढ़ बजे तक राज्य के कई जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद रही। तीन शिफ्ट में ली जा रही यह परीक्षा प्रथम पाली में साढ़े आठ बजे से साढ़े दस बजे, दूसरी पाली साढ़े ग्यारह बजे से डेढ़ बजे और तीसरी पाली तीन बजे से पांच बजे तक चली। दूसरी पाली में परीक्षा देकर केंद्र से बाहर आये परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा को लेकर सरकार की तरफ से सभी तरह की व्यवस्था मजबूत और उत्साह बढ़ाने वाला था। प्रश्न पत्र भी उन्हें निर्धारित समय पर मिला। केंद्रों में सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम थे।
छात्रों के सामने खोला गया सीलबंद प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट:
पिछले प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य और देश स्तर पर पेपर लीक से संबंधित अफवाहों के बीच आज झारखण्ड सरकार ने परीक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किये थे। राज्य में कहीं से भी पेपर लीक या कदाचार की कोई खबर नहीं आयी। शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा आयोजित कराई गयी। रांची में परीक्षा केंद्र से बाहर आये सुमित ने बताया कि परीक्षा को लेकर प्रशासन ने जबरदस्त तैयारी कर रखी थी। पेपर लीक को लेकर छात्रों क मन में किसी तरह की कोई शंका ना हो, इसके लिए छात्रों के सामने ही प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट की सील खोली गयी। छात्रों ने भी परीक्षा को लेकर संतोष जाहिर किया। सभी परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा बलों के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही थी। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिससे नकल की नकेल कसी जा सके।
कोड वाले ताले में बंद थे सीलपैक प्रश्न पत्र, आयोग से की जा रही थी परीक्षा केंद्रों की निगरानी:
राज्यभर में परीक्षा के प्रश्नपत्र की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रथम पाली की परीक्षा के प्रश्नपत्र सील बंद बक्से में कोड वाले ताले में बंद थे। ताले को खोलने के लिए कोड नंबर आयोग की ओर से परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पहले ही उपलब्ध कराए गए। बाकी पालियों की परीक्षा के प्रश्नपत्रों के सील बंद बक्से की चाबी सील बंद लिफाफे में परीक्षा केन्द्रों को परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा पहले गश्ती दण्डाधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी गयी। परीक्षा संबंधी गोपनीय सामग्री स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी की निगरानी में सील बंद कर रखी गयी थी, जिसका प्रसारण सीधे आयोग एवं जिला कंट्रोल रूम से किया जा रहा था।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को दे रखा है सख्त निर्देश:
झारखण्ड सामान्य स्नातक योग्यता धारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर सीएम हेमंत सोरेन लगातार मुस्तैदी से काम कर रहे है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को भी साफ निर्देश दे दिया है कि गलती से भी अधिकारी कहीं कोई गलती ना करें।
परीक्षा केंद्र के आस-पास निषेधाज्ञा लागू:
कदाचार मुक्त तथा शांतिपूर्ण वातावरण में परीक्षा का संचालन कराने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों के 100 मीटर परिक्षेत्र में परीक्षा अवधि तक धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है। निषेधाज्ञा के दौरान परीक्षा अवधि में परीक्षा केन्द्रों के अगल-बगल अनावश्यक भीड़ लगाना, अवैध रूप से मटरगश्ती करना, ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग एवं अनधिकृत रूप से हथियार लेकर चलने तथा कदाचार से संबंधित किसी प्रकार की गतिविधि एवं वस्तु का उपयोग करने आदि पर प्रतिबंध है। सभी परीक्षा केंद्रों पर 540 से अधिक पुलिस जवान व पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। परीक्षा बाधित करने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। कदाचार करते पकड़े जाने पर सेंटर सुपरिंटेंडेंट द्वारा परीक्षार्थी पर एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। रविवार को भी यह परीक्षा तीन शिफ्ट में ली जाएगी।
रविवार को भी इंटरनेट सेवा बंद:
झारखंड में रविवार को भी इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) के लिए झारखंड सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। 21 और 22 सितंबर को परीक्षा के समय सुबह 8:00 बजे से 1:30 बजे तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। यह फैसला परीक्षा को निष्पक्ष और कदाचार मुक्त बनाने के लिए लिया गया है।
आदेश की कॉपी में इस बात का जिक्र किया गया है कि 21 और 22 सितंबर को राज्य के सभी 24 जिलों में 823 परीक्षा केंद्रों पर करीब 6 लाख 40 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के लिए महत्वपूर्ण रिक्त पद भरे जाने हैं। लिहाजा राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि यह परीक्षा निष्पक्ष और कदाचारमुक्त संपन्न हो।
इससे पहले आयोजित परीक्षाओं के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा की गई हरकत को देखते हुए सरकार को आशंका है कि वैसे तत्व मोबाइल एप्लीकेशन, डीपफेक जैसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर परीक्षा की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। आशंका इस बात की भी है कि इस दौरान असामाजिक तत्व कई तरह के अफवाह भी फैला सकते हैं। परीक्षा के दौरान वॉइस कॉल और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सेवा बहाल रहेगी।
प्रधान सचिव ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन होने पर भारतीय न्याय संहिता और इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।