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विपक्ष के विरोध के आगे झुकी केंद्र सरकार, तीन दिन के अंदर UPSC में लेटरल एंट्री का विज्ञापन रद्द, राहुल ने कहा था- इसके जरिये RSS के लोगों की सीधी भर्ती होगी

नयी दिल्ली. UPSC ने लेटरल एंट्री से होने वाली नियुक्ति का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए 45 पोस्ट के लिए वैकेंसी निकाली थी। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार 20 अगस्त को UPSC चेयरमैन से नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि PM मोदी के कहने पर यह फैसला लिया गया है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि लेटरल एंट्री में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया था- लेटरल एंट्री के जरिए SC-ST और OBC का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।

राहुल बोले- हर हाल में आरक्षण की रक्षा करेंगे:

राहुला गांधी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि लेटरल एंट्री जैसी साजिशों का विरोध किया जाएगा। साथ ही संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की यात्रा के दौरान भी इस बात को दोहराया था।


खड़गे बोले- कांग्रेस ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा:

केंद्र सरकार के लेटरल एंट्री नोटिफिकेशन को रद्द करने के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया X पर लिखा- हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है।

राहुल ने कहा था- SC-ST और OBC का हक छीना:

UPSC में भर्तियों के नोटिफिकेशन के बाद 18 अगस्त को राहुल गांधी ने X पर लिखा था- नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है।


लेटरल एंट्री क्या है?

लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं।

सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर्स और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है। UPSC में लेटरल एंट्री की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसमें जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की पोस्ट के लिए 6077 एप्लीकेशन आए। UPSC की सिलेक्शन प्रोसेस के बाद 2019 में अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में 9 नियुक्ति हुई।

मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए सीधे सीनियर IAS लेवल की 45 वैकेंसी निकाली थी। इनमें जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर जैसे बड़े सरकारी पद शामिल हैं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार खुलेआम SC, ST और OBC समुदाय का हक छीन रही है।

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