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वैद्यनाथ राम दलित तो वहीं डॉ इरफान अंसारी मुस्लिम कोटे से बनाये जा सकते है मंत्री, शुक्रवार को लगेगी अंतिम मुहर

रांची: विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले चम्पाई सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार हो रहा है। आलमगीर आलम के त्यागपत्र देने के बाद से कांग्रेस कोटे के खाली मंत्री पद को भरा जाएगा। वहीं इस बार 12वें मंत्री का पद भी भरा जाएगा। इस तरह झारखंड को दो नए मंत्री मिलेंगे।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नाम भी लगभग फाइनल हो गया है। शुक्रवार की शाम चम्पाई कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, चंपाई सरकार में जो दो नए मंत्री शपथ लेंगे उसमें एक कांग्रेस और दूसरा झामुमो कोटे से होगा। जेएमएम कोटे से दलित चेहरे बैद्यनाथ राम के नाम को लेकर चर्चा है। वहीं कांग्रेस कोटे से मुस्लिम चेहरे इरफान अंसारी को मंत्री बनाया जा सकता है। ​​​

डॉ इरफान अंसारी और बैद्यनाथ राम के नाम पर मुहर:

बताया जा रहा है कि झामुमो से बैद्यनाथ राम को मंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस ने भी बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक में अपने कोटे के मंत्री के नाम तय कर लिए हैं। कांग्रेस की ओर से इरफान अंसारी के नाम की चर्चा है। बताया जा रहा है कि आलमगीर आलम के बाद कांग्रेस में फिलहाल डॉ. इरफान ही एक मात्र मुस्लिम विधायक हैं। इसलिए उन्हें मंत्री बनाए जाने से आलमगीर आलम के हटने के बाद अल्पसंख्यकों के बीच संदेश देने के लिए पार्टी अल्पसंख्यक चेहरे को ही सामने रखना चाहती है।

दोनों के मंत्री बनने की यह है वजह:

डॉ इरफान अंसारी : जामताड़ा से विधायक डॉ इरफान अंसारी को मंत्री बनाने के पीछे की वजह अल्पसंख्यक कोटे को बैलेंस करना है। इससे पहले अल्पसंख्यक कोटे के मंत्री आलमगीर आलम संथाल परगना से आते थे, इरफान भी उसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दुमका लोकसभा में जेएमएम उम्मीदवार नलिन सोरेन को जामताड़ा से लगभग 50 हजार वोट मिले थे। इसके पीछे भी इरफान अंसारी ही हैं।

बैद्यनाथ राम : इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की वजह दलित वोटरों को साधना है। पार्टी बैद्यनाथ राम के जरिए उस कोटे के वोटर्स को आगामी चुनाव में अपने पक्ष में करना चाहती है, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। यही वजह है कि उन्हें मंत्रिमंडल में मौका दिया जा रहा है।

बादल बदले तो दीपिका के मंत्री बनने की चर्चा:

मंत्रियों के कार्यों के परफॉर्मेंस के आधार पर वर्तमान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को बदलने की भी चर्चा है। अगर ऐसा हुआ तो इनकी जगह दीपिका पांडेय सिंह मंत्री बनाई जा सकती हैं। महगामा विधायक दीपिका भी संथाल परगना का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस लोकसभा चुनाव में उन्हीं की बदौलत प्रदीप यादव को महागामा से लीड मिली थी।

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