झारखंड में सात साल बाद इस साल जुलाई में हो सकती है JTET परीक्षा, राज्य गठन के बाद अबतक केवल दो बार हुई यह परीक्षा
झारखंड गठन के बाद से अब तक मात्र दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की हुई है। साल 2013 में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। उसके बाद 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा ली गई।

रांची. झारखंड में सात साल बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए जुलाई में आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद आवेदन की स्क्रूटनी और फिर अक्टूबर में परीक्षा ली जाएगी। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने परीक्षा को लेकर झारखंड अकादमिक काउंसिल को निर्देश दे दिया है। यह परीक्षा नई नियमावली से होगी। पिछले दिनों नई नियमावली को मंजूरी मिल गई है। इस बार एग्जाम तीन घंटे की बजाए ढाई घंटे होंगे और नए नियमावली के आधार पर परीक्षा ली जाएगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए चौथी बार नियमावली में बदलाव किया गया है। 24 सालों में दो बार जेटेट परीक्षा हुई है।
नई नियमावाली से होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा
इस साल शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) नई नियमावली पर होगी। नई नियमावली में रिजर्व कैटेगरी में आने वाले कैंडिडेट को अंकों के प्रतिशत (परसेंटेज ऑफ मार्क्स) में छूट मिलेगी। इसके साथ ही परीक्षा के समय को कम किया गया है। क्लास छह से आठ की टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट 2.30 घंटे की होगी।
बात करें अंकों के प्रतिशत (परसेंटेज ऑफ मार्क्स) में छूट की, तो ST, ST, BC 1, BC 2 और दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवार को पांच फीसदी छूट मिलेगी। वैसे जनजातीय समूह के कैंडिडेट जिन्हें विशेष रूप से कमजोर श्रेणी में रखा गया है, उन्हें सात फीसदी छूट मिलेगी।
तीन से घटाकर 2.30 घंटे की परीक्षा
वर्तमान नियमावली में प्रारंभिक कक्षा एक से पांच तक को 2.30 घंटे, उच्च प्राथमिक कक्षा 06 से 08 के लिए तीन घंटे और दृष्टि बाधित दिव्यांगों के लिए 30 मिनट अतिरिक्त समय देने का प्रावधान है। नई नियमावली में प्रारंभिक कक्षा एक से पांच तक को 2.30 घंटे, उच्च प्राथमिक कक्षा 06 से 08 के लिए भी अब 2.30 घंटे और दृष्टि बाधित दिव्यांगों के लिए 30 मिनट अतिरिक्त समय देने का प्रावधान किया गया है।
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली – 2019 में कहा गया था कि जो उम्मीदवार इस नियमावली से परीक्षा पास करेंगे, उनका सर्टिफिकेट सात साल के लिए ही मान्य रहेगा। अब जो नई नियमावली बनी है उसमें इस बात को हटा दिया गया है। अब सर्टिफिकेट की मान्यता आजीवन रहेगी।
24 सालों में 2 बार हुआ जेटेट
झारखंड गठन के बाद से अब तक मात्र दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की हुई है। साल 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार 2013 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। उसके बाद 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा ली गई।