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एग्जिट पोल के बाद एनडीए ने भरी जीत की हुंकार, इंडिया को 4 जून का इंतज़ार, जानिये कब और कैसे हुई थी एग्जिट पोल की शुरुआत

चार जून को मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गयी है। अब सबकी नजर मतगणना केंद्रों पर है, जहां चार जून को काउंटिंग के बाद ही सत्ता की तस्वीर साफ़ होगी।

दिल्ली/रांची. देश में 18वे लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है। 1 जून को आये एग्जिट पोल में मोदी सरकार के इतिहास रचने का दावा किया गया है। दावा है कि भारत में एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत होने जा रही है। हालांकि इंडिया गठबंधन के नेताओ ने एग्जिट पोल के अनुमानों से इधर 295 सीटे लाने का दावा ठोक दिया है। अलग अलग सर्वे में एनडीए को 350 से 400 सीटें लाने का अनुमान लगाया गया है। चार जून को मतगणना होनी है, जिसके बाद ये तय होगा कि एनडीए सरकार बना रहा है या इंडिया बहुमत हासिल कर मोदी सरकार को सत्ता से हटाएगा। चार जून को मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गयी है। अब सबकी नजर मतगणना केंद्रों पर है, जहां चार जून को काउंटिंग के बाद ही सत्ता की तस्वीर साफ़ होगी।

झारखंड में एग्जिट पोल से बीजेपी को झटका

एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक़ झारखंड में एनडीए को 2019 के लोकसभा चुनाव के मुक़ाबले दो सीटों का नुकसान दिख रहा है। तमाम सर्वे में बीजेपी को 8-10 सीटे राज्य में मिलती दिख रही है जबकि इंडिया गठबंधन को 4-6 सीटे मिल रही है। अनुमान सही हुए, तो बीजेपी को दो सीटों का नुक्सान होगा, जबकि इंडिया को झारखंड में दो सीटों का फायदा मिलेगा।

क्या होता है एग्जिट पोल ?

एग्जिट पोल ओपिनियन पोल से एकदम अलग होता है। एग्जिट पोल में वोट डालकर मतदान केंद्रों से बाहर निकले मतदाताओं से गोपनीयता बनाते हुए सवाल पूछे जाते है। जिससे ये अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव में किस पार्टी की जीत होगी। इस पूर्वानुमान के हिसाब से सर्वे करने वाली एजेंसियां ये पता लगाती है कि मतदाताओं का रुझान किस पार्टी की ओर है। एग्जिट पोल सर्वे में मतदाताओं को यह बताना होता है कि उन्होंने किसे वोट दिया है। हालांकि कई बार एग्जिट पोल के आंकड़े सटीक नहीं होते और वे वास्तविक चुनाव परिणामो से बिलकुल अलग हो सकते है। इसीलिए एग्जिट पोल को चुनावी परिणाम के रूप में नहीं देखा जाता है। एग्जिट पोल की शुरुआत साल 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के समय हुई थी। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक सर्वे ने सबसे पहले राष्ट्रिय स्तर पर साल 1957 में एग्जिट पोल किया था। इसके बाद साल 1996 में दूरदर्शन ने पहली बार टीवी पर एग्जिट पोल का प्रसारण किया था। इस सर्वे को सेंटर फॉर द स्टडीज ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटी (CSDS) ने किया था। वर्तमान में देश में छह संस्थानों द्वारा एग्जिट पोल सर्वे कराया जाता है। इनमे इंडिया टुडे एक्सिस, टाइम्स नाउ VMR, टुडे चाणक्य, रिपब्लिक जन की बात, सी वोटर, IPSOS शामिल है।

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