
रांची. जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 31 जनवरी को ईडी के सामने अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं. ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को 29 जनवरी से 31 जनवरी तक का समय दिया था. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन ईडी को 31 जनवरी का समय दे सकते हैं, हालांकि इस बात की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सीएम 31 जनवरी को ईडी को सीएम आवास बुला सकते हैं या फिर खुद एजेंसी के दफ्तर जाकर अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं. मामले को लेकर सीएम दिल्ली में कानूनी राय भी ले चुके हैं. जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय से विशेष दूत भेज कर सीएम के द्वारा तारीख, समय और स्थान की जानकारी ईडी के अधिकारियों को दी जाएगी. अटकलों को इसलिए भी बल मिलता दिख रहा है क्योंकि सीएम 31 जनवरी को गिरिडीह जाने वाले थे. यहां उनका पूर्व से कार्यक्रम निर्धारित था, लेकिन सूचना के मुताबिक सीएम का गिरिडीह दौरा 31 की जगह 1 फरवरी को हो गया है. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहा है कि सीएम 31 जनवरी को ईडी के सवालों का जवाब देंगे.
राज्यभर में ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ जेएमएम कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन:
उधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा 10वें समन के विरोध में आज राज्यभर में झामुमो कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया. राजधानी रांची में पांच जिला समितियों के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला और राजभवन के सामने प्रदर्शन किया. आक्रोश मार्च में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि ईडी केंद्र सरकार के इशारे में काम कर रही है. भाजपा राज्य में चुनी हुई सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू कराना चाहती है. केंद्र सरकार आदिवासी मुख्यमंत्री को बर्दार्श्त नहीं कर पा रही है.
सोमवार को भी जारी रहेगा प्रदर्शन:
झामुमो के रांची जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच बयान दर्ज कराना अनिवार्य घोषित किये जाने के बाद झामुमो चरणबद्ध तरीके से राजभवन के समक्ष अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के इशारे पर एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी जिस तरह से कार्रवाई कर रही है, उसके खिलाफ गुमला, कोडरमा, लोहरदगा, लातेहार और रांची के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. सोमवार को दूसरे जिलों से झामुमो कार्यकर्ता रांची आकर आक्रोश मार्च और प्रदर्शन करेंगे. रविवार को राजभवन के सामने प्रदर्शन से पहले साहिबगंज और दुमका में बंद भी बुलाया गया था, जिसका खासा असर भी देखने को मिला था. वहीं 27 जनवरी को ईडी, बीजेपी और केंद्र सरकार के विरोध में राज्यव्यापी मशाल जुलूस भी निकाला गया था.