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झारखंड की राजनीति में बुधवार को ‘खेला होबे’, सीएम हेमंत सोरेन ने बुलाई विधायक दल की बैठक,

रांची. झारखंड में जमीन घोटाला मामले में सीएम हेमंत सोरेन का बयान दर्ज करने के लिए ईडी की दो दिन की डेडलाइन खत्म होने के बाद से ही सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के गांडेय सीट से इस्तीफा देने और स्पीकर द्वारा तत्काल सरफराज अहमद का इस्तीफा मंजूर कर लिए जाने से सियासी अटकलों को बल मिलता दिख रहा है. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कल शाम 4.30 बजे इंडिया गठबंधन के विधायक दल की बेहद अहम बैठक बुलाई गयी है. इसमें झामुमो, कांग्रेस और राजद के सभी विधायक शामिल होंगे. कयास लग रहे है कि इसी बैठक के बाद सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन या विधायक चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा की जा सकती है. इन सब के बीच खबर ये भी है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज ईडी को पत्र भेजकर अपनी स्थिति साफ की है. हालांकि, पत्र में क्या लिखा है, इसका खुलासा अबतक नहीं हो सका है.

अचानक विधायक दल की बैठक बुलाने के सत्ताधारी दल के फैसले पर भाजपा ने भी हमला बोला है. बाबूलाल मरांडी ने सरफराज अहमद के इस्तीफे को परिवारवारवाद की मानसिकता से ग्रस्त फैसला बताया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट ने भी राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है. निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल को अपना इस्तीफा और कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता बनाने वाला पत्र एक साथ देंगे.


निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र में काटोल विधानसभा उपचुनाव को लेकर आये कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए ये भी कहा कि अगर किसी राज्य में विधानसभा का चुनाव होने में एक साल का समय रह जाता है, और ऐसे समय में विधानसभा की सीट खाली होती है, तो वहां उपचुनाव नहीं कराया जा सकता. उन्होंने राज्यपाल से पूरे मामले में कानूनी सलाह लेकर ही आगे फैसला करने की अपील की है.


आपको बता दें कि ईडी ने बीते 29 दिसंबर को सीएम हेमंत सोरेन को आखिरी समन जारी किया था.

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