HeadlinesJharkhandRanchi

विधेयक को मिली मंजूरी, नकलचियों की नींद उडी: झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 को राजभवन से मिली मंजूरी, कदाचार और नक़ल रोकने के लिए हेमंत सरकार ने बनाया है कड़ा कानून

प्रतियोगी परीक्षाओ में पहली बार नक़ल करते हुए पकडे जाने पर एक वर्ष की जेल और 5 लाख रुपये जुर्माना लगेगा. नक़ल करते हुए दूसरी बार पकडे जाने पर तीन साल की जेल और दस लाख रुपये जुर्माना देना होगा.

रांची. राज्य के लाखो छात्रों के हित में लाये गए हेमंत सोरेन सरकार के सबसे महत्वपूर्ण विधेयक को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपनी मंजूरी दे दी है. झारखंड के प्रतियोगी परीक्षाओ में नक़ल और कदाचार रोकने के मकसद से हेमंत सरकार ने झारखंड प्रतियोगी परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनो की रोकथाम व निवारण के उपाय ) विधेयक 2023 को अपनी मंजूरी दे दी है. इस विधेयक के तहत राज्य के प्रतियोगी परीक्षाओ में पहली बार नक़ल करते हुए पकडे जाने पर एक वर्ष की जेल और 5 लाख रुपये जुर्माना लगेगा. नक़ल करते हुए दूसरी बार पकडे जाने पर तीन साल की जेल और दस लाख रुपये जुर्माना देना होगा. इस कानून के तहत किसी व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन में लगे पदाधिकारी के परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी करने पर 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये जुर्माना का प्रावधान है. परीक्षा की समाप्ति के बाद परीक्षा पत्र लूटने, चोरी करने या ओएमआर शीट नष्ट करने पर आरोपी को 10 साल की सजा और दो करोड़ रुपये जुर्माना देना होगा. संगठित अपराध में परीक्षा एजेंसी या कंपनी के साथ षड्यंत्र करने पर 10 वर्ष की जेल और 10 करोड़ रुपये जुर्माना देना होगा. न्यायलय द्वारा सजा होने पर संबंधित परीक्षार्थी अगले 10 साल तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो पायेगा.

बीजेपी समेत विपक्ष के नेताओ ने किया था विरोध: झारखंड विधानसभा में हेमंत सरकार द्वारा लाये गए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनो की रोकथाम व निवारण के उपाय ) विधेयक 2023 का बीजेपी और आजसू ने विरोध किया था. विपक्ष ने बिल की प्रतियां भी फाड़ दी थी. भाजपा नेताओ ने इसे काला कानून बताया था. इस संबंध में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी नेताओ ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भी मुलाक़ात की थी और बिल पर समीक्षापूर्ण निर्णय लेने का आग्रह किया था. अब राजभवन द्वारा मंजूरी मिलने के बाद गजट पारित होगा. जिसके बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button