
रांची. झारखंड राज्य गठन के बाद ठेका के माध्यम से कैसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। आज भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भले ही ठेका प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की हेमंत सोरेन सरकार की सराहना कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि साल 2000 से लेकर 2009 तक राज्य में सभी ठेका प्रक्रिया ऑफलाइन प्रक्रिया से होता था। इस अवधि में भाजपा ही लंबे समय तक सत्ता में रही। बाबूलाल खुद इस अवधि में मुख्यमंत्री भी रहें। ठेका प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में भाजपा सरकारों ने शायद ही कभी भी काम किया हो। इस काम को पूरा किया पूर्व मुख्यमंत्री सह दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने। इनके सीएम रहते ही 30 दिसंबर 2009 को एक संकल्प जारी कर सभी टेंडर प्रक्रिया के लिए ई-प्रोक्यूरमेंट नामक ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की गयी। लेकिन यह दुर्भाग्य ही था कि गुरूजी शिबू सोरेन के सीएम पद से हटते ही किसी भी सरकार ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हेमंत सोरेन सरकार के 13 माह का कार्यकाल भी सीमित ही रहा।
समीक्षा में आयी बात सामने तो हेमंत सोरेन सरकार ने लिया फैसला, अब बाबूलाल भी कर रहे सराहना:
बीते दिनों हेमंत सोरेन सरकार ने एक समीक्षा में पाया था कि लगभग 14 साल पूर्व कैबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुरूप टेंडर प्रक्रिया अभी भी पूर्णरूपेण ऑनलाइन नहीं हो पायी है। इससे भ्रष्टाचार पर चोट नहीं लग पायी है। इसे देखते हुए राज्य में पारदर्शिता के साथ योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सोरेन सरकार ने फैसला लिया है कि टेंडर शुल्क और ठेकेदारों के द्वारा जमा अर्नेष्ट मनी ऑनलाइन तरीके से होगा। इस फैसले की सराहना पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी की है।
यह जानकर ख़ुशी हुई कि हेमंत सोरेन सरकार ने टेंडर फ़ी और ईएमडी के भुगतान की आफलाईन प्रक्रिया को पूरी तरह बंद कर इसे आनलाइन कर दिया है।
दरअसल टेंडर की प्रक्रिया में मनमानी, गुंडागर्दी और मैनेज कर लेने की सबसे बड़ी वजह यही आफलाईन के कारण बनी हुई थी।
उम्मीद है कि इससे टेंडर…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 16, 2023
एसबीआई के साथ मिलकर आईटी विभाग ने बनाया पेमेंट गेटवे:
सीएम हेमंत सोरेन के फैसले के तत्काल बाद ही राज्य सरकार की सूचना एवं टेक्नोलॉजी विभाग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर एक पेमेंट गेटवे तैयार किया है। इसी गेटवे से अब शुल्क का भुगतान होगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इसके लिए एक खाता खोला है। बीते दिनों ऑनलाइन टेंडर निष्पादन प्रक्रिया करने संबंधी आदेश आईटी सचिव झारखंड विप्रा भाल के हस्ताक्षर से जारी कर दिया गया है।
योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए लगातार होती है मॉनिटरिंग:
हेमंत सोरेन सरकार के समय या पूर्व से चल रही कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। समय-समय पर सीएम हेमंत सोरेन योजनाओं की समीक्षा कर इसकी वास्तविक स्थिति की जानकारी लेते हैं। ”सरकार आपके द्वार” तथा ”आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम ने तो योजनाओं की मॉनिटरिंग को ज्यादा मजबूती दी है। सीएम हेमंत सोरेन का जोर इसी बात हैं कि पूर्ववर्ती सरकार ने जो भी कार्य योजना बनाई, सभी कागजों पर ही सीमित रह गयी। लेकिन उनकी सरकार में सभी योजनाएं धरातल पर जरूर उतरे।