
रांची. ईडी के समन को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को आज हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया. झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और जस्टिस आनद सेन की बेंच ने ईडी के समन को पुराना बताते हुए इसे ख़ारिज कर दिया. हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और पियूष चित्रेश ने सीएम हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखा. वहीं ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पक्ष रखा.
ईडी ने बहस के दौरान पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि मनोहरलाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना जजमेंट दिया था, जिसमे ईडी को समन जारी करने और बयान लेने का अधिकार दिया गया था. ईडी ने बताया कि अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कहा था कि ईडी को समन जारी करने और बयान लेने का अधिकार है और इसमें कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता. एसवी राजू ने अदालत को बताया कि सीएम हेमंत सोरेन को पांच बार समन जारी किया गया है, मगर वे एक बार भी हाजिर नहीं हुए. ऐसे में याचिका का कोई औचित्य नहीं है. बहस के बाद कोर्ट ने पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 63 के तहत दाखिल याचिका को ख़ारिज कर दिया.
अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सीएम: हाईकोर्ट से याचिका निरस्त होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जा सकते है. 18 सितंबर को मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया था और सीएम को झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी. अदालत ने कहा था कि ईडी के समन को चुनौती देने का अधिकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को है, मगर इसकी शुरुआत झारखंड हाईकोर्ट में पहले होगी. उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट आना चाहिए. जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील ने याचिका वापस ले ली थी.