
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की कार्रवाई को लेकर बड़ा और ऐतिहासिक फैसला दिया है. एक मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया है कि वो अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान उसके पीछे की वजह को लिखित में बताये. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रियल एस्टेट ग्रुप एम3एम के डायरेक्टर पंकज बंसल और बसंत बंसल की गिरफ्तारी को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला दिया.
ED must supply grounds of arrest to PMLA accused in writing: Supreme Court
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— Bar & Bench (@barandbench) October 4, 2023
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा,”हम इसे अनिवार्य बना रहे है और बिना किसी अपवाद के अभियुक्त को गिरफ्तार करने के दौरान उसके पीछे की वजहें लिखित में दें.” कोर्ट ने ये संज्ञान में लिया कि बंसल को 14 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उसी दिन किसी दूसरे मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
ED should not be vindictive; must act with utmost fairness: Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट ने इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी घोषित करते हुए अभियुक्तों को तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काम करने का ईडी का ये रवैया सही नहीं है. बेंच ने कहा कि ईडी को पारदर्शी होना चाहिए और पारदर्शिता के नियमों का पालन करते हुए जांच करनी चाहिए, न की विंडिक्टिव (बदला लेने वाला) होना चाहिए.