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झारखंड में भी फर्जी और भ्रामक खबरों पर होगा एक्शन, मॉनिटरिंग के लिए लॉन्च किया गया पोर्टल

रांची: झारखंड में अब राज्य की छवि धूमिल करने के मकसद से फैलाये गए फर्जी और भ्रामक खबरों पर एक्शन लिया जायेगा. राज्य सरकार के साथ-साथ राज्य और राज्य के लोगों को लेकर किसी भी तरह का फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही फेक न्यूज़ फैलाने वाले संस्थान व पत्रकार को फर्जी और भ्रामक खबर को प्रकाशित करने को लेकर खंडन भी प्रकाशित करना होगा. झारखंड सरकार ने फर्जी खबरों पर नजर रखने के लिए प्रिंट मीडिया मॉनिटरिंग पोर्टल लॉन्च किया है. इसके तहत अब समाचार पत्रों, ई-पेपर, वेबसाइट आदि में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से संबंधित ऐसी प्रकाशित खबरें जिससे राज्य और राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है, इसकी सत्यता की जांच की जाएगी. अगर खबर सत्य होगी, तो तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी और इसका एटीआर भी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को सौंपा जायेगा. वहीं, अगर खबर भ्रामक, असत्य और फर्जी होगा, तो अखबारों, पोर्टल इत्यादि को खंडन छापना होगा. खंडन प्रतिवेदन संबंधित विभाग तैयार करेंगे और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को भेजेंगे. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वे संबंधित अखबारों-पोर्टल इत्यादि में खंडन प्रकाशित करवाएं. निराकरण, अनुपालन प्रतिवेदन इत्यादि सारी प्रक्रिया सात से 15 दिन के भीतर पूरा करके पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. झारखंड सरकार के सूचना प्रद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग के सचिव विप्रा भाल ने इस आशय की जानकारी सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों को दी है और प्रिंट मीडिया मॉनिटरिंग पोर्टल से संबंधित दिशा निदेश भी जारी किया है. राज्य स्तर से जुडी खबरों व जिला स्तर की खबरों को पोर्टल के माध्यम से जांच के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश दिए गए है. सभी विभागों को कहा गया है कि इस कार्य के लिए एक नोडल पदाधिकारी को नियुक्त करें और उसका लॉगिन-पासवर्ड तैयार करें. आईटी विभाग को इसका प्रतिवेदन देने को कहा गया है.

पोर्टल के माध्यम से होगी सारी कार्रवाई:

मीडिया में प्रकाशित खबरों की विस्तृत जानकारी विभागों को पोर्टल में देनी होगी. इससे संबंधित स्रोत, अखबार की क्लिपिंग, ई-पेपर, वेबसाइट यूआरएल इत्यादि अंकित करना अनिवार्य किया गया है. पोर्टल पर इमेज, ऑडियो, वीडियो अथवा डॉक्यूमेंट अपलोड किया जायेगा. यदि कोई खबर अतिमहत्वपूर्ण है तो उसमे हाई इम्पैक्ट डालना अनिवार्य किया गया है. खबरों को संबंधित विभाग, निदेशालय, एजेंसी, जिला इत्यादि को दिया जायेगा. खबरों की सत्यता की जांच कर उसपर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. गलत खबरों पर संबंधित अखबारों-पोर्टल इत्यादि से संपर्क कर खंडन छपवाया जायेगा.

उत्तरप्रदेश और कर्नाटक सरकार ने बनाया है फैक्ट चेक यूनिट:

फर्जी खबरों पर लगाम कसने के लिए उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सरकार ने भी फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना की है. इसके तहत राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने के मकसद से फैलाये गए फेक न्यूज़ पर कार्रवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी फर्जी और भ्रामक खबरों पर लगाम कसने के लिए फैक्ट चेक यूनिट तैयार किया है. इसके तहत सोशल मीडिया, अखबार या पोर्टल इत्यादि में राज्य सरकार की छवि धूमिल करने के इरादे से फैलाये गए फर्जी और नकारात्मक खबरों पर तुरंत एक्शन लिया जायेगा.

केंद्र सरकार ने फर्जी खबरों पर फैक्ट चेक यूनिट तैयार करने की बात कही है:

केंद्र सरकार ने भी फर्जी और भ्रामक खबरों पर लगाम कसने के लिए फैक चेक यूनिट बनाने की बात कही थी. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि फर्जी, झूठी और भ्रामक खबरों को निर्धारित करने के लिए नियमों में संशोधन किया जाएगा. इसी साल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें बताया गया कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया 2023 के नियमों में बदलाव होंगे. इसके तहत एक फैक्ट चेक यूनिट बनाई जाएगी, जो केंद्र सरकार से जुड़ी फर्जी, झूठी और भ्रामक खबरों की जांच करेगी. इससे फर्जी खबरें फैलाने वालों की दुकानें बंद होंगी. इससे पहले 2021 में डिजिटल मीडिया में फेक न्यूज़ के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से नियम लागू किये थे.

फेक न्यूज़ से बिगड़ रही सामाजिक समरसता:

देश में फेक न्यूज़ एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. फेक न्यूज़ के जरिये ना केवल राज्य सरकारों, केंद्र सरकार और प्रशासनिक इकाईयों की छवि को धूमिल किया जाता है. बल्कि फर्जी और भ्रामक खबरों के जरिये देश में सामाजिक समरसता को भी बिगाड़ने का प्रयास किया जाता रहा है. देश में बीते कुछ सालों में हुए साम्प्रदायिक दंगों में भी फेक न्यूज़ ही जिम्मेदार माना गया है. फेक न्यूज़ ना केवल सोशल मीडिया के जरिये, बल्कि कभी-कभी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये भी घर-घर पहुंचाया जा रहा है. जिसपर लगाम कसने की जरुरत है.

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