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डुमरी में ना कमल चला ना केला, टाइगर के काम ने और आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम ने कर दिया बड़ा खेला

गिरिडीह/बोकारो. झारखंड में सत्ता हथियाने का सपना देखने वाली बाबूलाल एंड कंपनी का सपना डुमरी की जनता ने तोड़ दिया है. डुमरी उपचुनाव के नतीजों ने हेमंत विरोधियो के तोते उड़ा दिए है. स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने जनादेश से साफ दिखा दिया है, कि झारखंड के लोगो के दिलो में आज भी ‘टाइगर’ ज़िंदा है.

बाबूलाल मरांडी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर आदिवासी चेहरे की ब्रांडिंग में लगी बीजेपी की, डुमरी उपचुनाव के बाद बोलती बंद हो गयी है. तो वहीं सुदेश महतो के आजसू के अरमानो पर भी पानी फिर गया है. असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से भी एनडीए को डुमरी में कोई खास फायदा नहीं हुआ. बेबी देवी की जीत ने इंडिया गठबंधन को नयी ऊर्जा तो दे ही दी है, साथ ही ‘ब्रैंड हेमंत’ के नेतृत्व का लोहा भी मनवा दिया है.

डुमरी के दंगल के फाइनल नतीजों ने स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को बड़ी जीत दी है, साथ ही बेबी देवी ने 2019 के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा मार्जिन से बीजेपी-आजसू गठबंधन को धूल चटा दिया है. आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लगातार आग उगलने वाली एनडीए को ‘इंडिया गठबंधन’ ने 17,100 वोटो के बड़े अंतर से पटखनी दे दी है. बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली एनडीए की प्रत्याशी यशोदा देवी को हराकर बेबी देवी ने ये बड़ी जीत दर्ज की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में हुए पहले उपचुनाव में ही एनडीए को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इसकी उम्मीद ना तो आजसू को थी और ना ही बीजेपी को. नतीजों से साफ है कि जनता ने इस बार ना तो बीजेपी-आजसू के गठबंधन पर भरोसा किया और ना ही बाबूलाल मरांडी के आदिवासी चेहरे को कोई प्राथमिकता दी.

डुमरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मुकाबला तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों, एक पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ साथ राष्ट्रिय स्तर की पार्टियों से था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अकेले फ्रंट फुट पर आकर कमान संभल रहे थे. सीएम हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार के दौरान कभी भी ओवर कॉंफिडेंट नहीं दिखे. बल्कि पूरे धैर्य से अपने काम और प्रचार के दम पर चुनावी दिशा तय करते रहे. एक लीडर के रूप में हेमंत सोरेन ‘टीम इंडिया’ को एक साथ लेकर आगे बढ़ते रहे.

हेमंत सोरेन के काम में अड़ंगा लगाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद से राजनीतिक जीत की हसरत पाले झारखंड विरोधियो की नींद डुमरी उपचुनाव के नतीजों के बाद जरूर उड़ गयी है. आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपमानित कर झारखंड में राज करने का हसीन सपना देख रहे मुंगेरीलालो के ‘झारखंड विरोधी एजेंडे’ का खेल खत्म हो गया है. डुमरी की जनता ने आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर और स्वर्गीय टाइगर जगरनाथ महतो के काम पर भरोसा दिखाकर बेबी देवी को एक बड़ी जीत दी और एक मंत्री के रूप में अपना नेता स्वीकार कर लिया.

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