
रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की धरती से संचालित हो रहे विभिन्न कोयला परियोजनाओं के नामो पर आपत्ति दर्ज कराई है. हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर झारखंडियों की जनभावना से अवगत कराया है. मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य की कोयला परियोजनाओं के नामकरण के दौरान झारखंड की जनभावना की कद्र होनी चाहिए और इसे सर्वोपरि रखते हुए ही नामकरण किया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि कोल इंडिया लिमिटेड, अन्य निजी एवं लोक उपक्रमों द्वारा संचालित खनन परियोजनाओं का नामकरण भारत सरकार झारखंड की संस्कृति, भावनाओ, परंपराओं के अनुरूप नहीं कर रही है.
मुख्यमंत्री ने चतरा जिले में संचालित खनन परियोजनाओं आम्रपाली, मगध और अशोक का उदहारण देते हुए कहा कि इन खनन परियोजनाओं का नामकरण जिस तरह से किया गया है, उससे झारखंड के लोगो की जनभावना का सम्मान नहीं हो रहा है. उन्होंने खनन परियोजनाओं का नामकरण स्थानीय स्थल, गांव, मौजा, पंचायत, प्रखंड, झारखंड राज्य के महापुरुषों एवं दार्शनिक स्थलों, आदि के अनुरूप कराने का आग्रह किया है. सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य की पहचान एक खनिज बाहुल्य राज्य के रूप में स्थापित है और देश के विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान है. खनिजों से प्राप्त राजस्व का बड़ा भाग कोयले से आता है. ऐसे में कोयला परियोजनाओं का नामकरण उन्हें सम्मान देते हुए किया जाना चाहिए जिन्होंने झारखंड के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया, यहां की जमीन में चल रही परियोजनाओं की पहचान झारखंड के क्षेत्रों, स्थलों, गाँवों, मौजा, आदि से होनी चाहिए.