डुमरी उपचुनाव में फिर सामने आया लिफाफा! जानिये इस बार डुमरी में प्रचार के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने किस लिफ़ाफ़े का जिक्र कर दिया..
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गुरूजी उम्र के एक पड़ाव में हैं, नहीं तो आज वो भी मंच पर होते. अगर वो इस मंच पर होते, तो हम लोगों की कोई जरूरत ही नहीं होती. वह अकेले ही इतने बड़े वृक्ष हैं जो राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों को छांव देने का काम करते हैं.

गिरिडीह: डुमरी उपचुनाव के लिए आज से जोरदार चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज से डुमरी में कमान संभाल लिया है. उपचुनाव में प्रचार के पहले दिन आज सीएम हेमंत सोरेन ने एक बार फिर लिफाफा का जिक्र कर दिया. इस बार मुख्यमंत्री ने लिफाफा के बहाने ही विपक्ष को लपेट दिया. सीएम ने डुमरी की जनता को विशेष तौर पर महिलाओ को संबोधित करते हुए कहा कि कि चूल्हा प्रमुख के नाम पर आपको जो लिफाफा मिल रहा होगा उसे रख लीजिएगा. मगर वोट बेबी देवी जी को ही दीजिएगा. इसी बहाने विपक्ष के बेईमानों का भरा हुआ बोरा का कुछ पैसा आपके पास लिफाफा के जरिए ही आ जायेगा.
बेबी देवी को मंत्री बनाकर हमने जगरनाथ दा को श्रद्धांजलि दी, अब जनता की बारी है: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज डुमरी विधानसभा के लोगों को छांव देने के लिए बेबी देवी जी जैसी शेरनी खुद बाहर आयी हैं. भाभी माँ बेबी देवी जी को मंत्री बनाकर हमने बड़े भाई जगरनाथ महतो जी को श्रद्धांजलि दी है. हमने अपना काम कर दिया, अब आपकी बारी है. सीएम ने कहा कि आज मै यहां अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाने नहीं आया हूँ. यह उपचुनाव बड़े भाई जगरनाथ महतो जी के कर्म और शहादत का चुनाव है. हम 2024 में आपको लेखा जोखा देंगे और विपक्ष से भी इनका लेखा जोखा लेंगे. पूर्व की डबल इंजन की सरकार ने डबल हाथों से इस राज्य को लूटने का काम किया है. आप सभी से पुनः आग्रह है कि 5 सितंबर को 1 नम्बर पर बटन दबाकर भाभी माँ आदरणीय बेबी देवी जी को विजयी बनाएं तभी इस चुनाव का मूल उद्देश्य पूरा होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम लोग यहां सिर्फ विधायक के लिए वोट मांगने नहीं आये हैं, बल्कि आपके मंत्री के लिए वोट मांगने आये हैं.
हमारी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचाने वालो से भी ताकतवर है ईश्वर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी संस्थाओं के दम पर विपक्ष के लोग चुनाव जीतने का प्रयास कर रहे हैं. हम कैसे उनके षड्यंत्र में फंसे रहे, चुनाव प्रचार न कर पाए, उसी की कोशिश में यह लोग लगे हुए हैं. लेकिन इनसे भी ताकतवर ईश्वर है, जो हमें सुरक्षा प्रदान करता है. शायद हम लोगों ने कोई अच्छा काम किया होगा कि ये लोग 2019 से सरकार गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं और आज हम 2023 में पहुंच चुके हैं. 2023 क्या, 2024 भी हम लोगों की सेवा करते हुए पार करेंगे और उसके बाद हम फिर सरकार बनायेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा-आजसू वाले लोग आयेंगे तो उनसे पूछियेगा कि 20 साल में कितनी बार जेपीएससी, जेएसएससी की परीक्षा निकाली? आज हम हजारों की संख्या में युवाओं के लिए वेकैंसी निकालने का काम कर रहे हैं. आगे भी वेकैंसी निकालेंगे. कोई नहीं रोक सकता. विपक्ष के लोग सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम करते हैं. इससे न नौकरी मिलती है, न राशन, न रोजगार. यह लोग सिर्फ समाज में जहर भरने का काम करते हैं. यह लोग बाबा भीमराव अंबेडकर जी द्वारा बनाये गए संविधान को बदलने का भी षड्यंत्र रच रहे हैं.
सीएम ने कहा कि पहले कभी भी सरकारी पदाधिकारी गांव-पंचायत नहीं जाते थे. आज हम सभी पदाधिकारियों को आपके द्वार भेज रहे हैं. विपक्ष ने 20 साल जरूरतमंदों को पेंशन नहीं दिया. आज लाखों बुजुर्गों, विधवा महिलाओं को पेंशन मिल रहा है. जगरनाथ दा ने पारा शिक्षकों को अधिकार देने में भी अहम भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठे भाजपा-आजसू वालों ने कभी भी लोगों की सुध नहीं ली और आज यह चूल्हा प्रमुख बनाने का ढोंग करते हैं. आज महिलाओं से पूछिए महंगाई का आलम क्या है. आज सरसों तेल, नमक, टमाटर और आटा का दाम कितना है? लोगों को चूल्हा प्रमुख बनाने का फायदा क्या जब भाजपा-आजसू खुद लोगों की थाली से निवाला छीनने का काम कर रही है. इन लोगों ने पूर्व में राशन कार्ड से 11 लाख नाम निरस्त करने का काम किया, जबकि हमने 20 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड दिया. उसमें भी यह लोग हमें सरकारी दर पर अनाज नहीं लेने देते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जिस दिन से बनी है तब से विपक्ष रोज षड्यंत्र रच कर सरकार गिराने में लगा हुआ है. उसके बावजूद भी हम राज्यवासियों की सेवा कर रहे हैं. शिबू सोरेन जी को लोग गुरुजी बोलते हैं. इसी तरह स्व जगरनाथ दा को भी लोग टाइगर बोलते हैं. उन्होंने कहा कि स्व जगरनाथ महतो जी 1932 खतियान, पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए दिन-रात आवाज बुलंद करते रहे. आपको याद होगा जिस दिन हमने 1932 खतियान का कानून विधानसभा से पास कराया तो जगरनाथ दा ने आदरणीय दिशोम गुरुजी को 1932 का अंगवस्त्र भेंट किया था. मगर विपक्ष 1932 और ओबीसी को 27 प्रतिशत लागू करने में अड़चन डालने का काम कर रहा है. राज्य अलग होने के बाद तो ओबीसी को आरक्षण 27 प्रतिशत से कम करने का काम भी इन्होंने ही किया था. 1932 की जगह यह लोग 1985 लेकर आये. क्यों 1932 का कानून नहीं लाये, भाजपा-आजसू वाले? फिलहाल 1932 कानून नहीं होने के बाद भी हम संकल्प के साथ नौकरियों और रोजगार में यहां के 80-90 प्रतिशत आदिवासी-मूलवासी को जोड़ रहे हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही हमने 10 हजार में 9 हजार पांच सौ स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा.
गुरूजी स्वयं में विशाल वृक्ष के सामान है, जो सवा तीन करोड़ झारखंडियों को छांव दे रहे है: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग सिर्फ मान, सम्मान और स्वाभिमान की राजनीति करते हैं. यहां के आदिवासी-मूलवासी, दलित, पिछड़ा, किसान के हक-अधिकार की लड़ाई कभी नहीं रुकती है. आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी जैसे व्यक्ति इस राज्य को बनाने के लिए स्कूल की पढ़ाई छोड़कर अपना बचपन, जवानी और बुढापा खपा दिए. वह उम्र के एक पड़ाव में हैं, नहीं तो आज वो भी इस मंच पर होते. अगर वो इस मंच पर होते, तो हम लोगों की कोई जरूरत ही नहीं होती. वह अकेले ही इतने बड़े वृक्ष हैं जो राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों को छांव देने का काम करते हैं.