
रांची. झारखंड देश में स्वच्छ ऊर्जा का नेतृत्वकर्ता बनने जा रहा है. आज टाटा मोटर्स और कमिंस यूएसए के बीच झारखंड के जमशेदपुर में देश का पहला हाइड्रोजन इंजन उत्पादन करने वाला प्लांट लगाने को लेकर एमओयू में हस्ताक्षर किया गया. ये ऐतिहासिक लम्हा था, जब राज्य के औद्योगिक नीति से प्रभावित होकर टाटा मोटर्स ने झारखंड की धरती पर भारत के पहले हाइड्रोजन इंटरनल कंबशन इंजन बनाने वाली इकाई लगाने को लेकर करार किया. इस इकाई में हाइड्रोजन इंजन के अलावा बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल सिस्टम, फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिस्टम, और एचटू फ्यूल डिलीवरी सिस्टम का उत्पादन होगा. इस तकनीक से डीजल जैसे ईंधन पर हमारी निर्भरता तो समाप्त होगी ही, साथ ही स्वच्छ पर्यावरण और सुरक्षित पर्यावरण की दिशा में भी भविष्य का रोडमैप तैयार हो जाएगा. इस प्लांट को लगाने में 350 करोड़ का निवेश होगा. प्लांट में 1000 से ज्यादा लोगो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. ख़ास बात ये है कि इस प्लांट में झारखंड सरकार की पालिसी के तहत 75% स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा.
ट्रक ड्राइवरों को मिले सम्मान: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए इस तकनीक के विस्तार पर जोर दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन विश्व के लिए एक बड़ी चिंता बन गया है. इसे देखते हुए हाइड्रोजन इंजन को लेकर आना साहसिक कदम है. इसके इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण को प्रदूषित होने जैसे खतरों को कम किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल हाइड्रोजन इंजन का इस्तेमाल हैवी व्हीकल्स में होगा. मगर धीरे धीरे इसका दायरा बढ़ाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में जितने भी हैवी व्हीकल चलाने वाले ड्राइवर है, उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पता जैसे विदेशो में उन्हें मिलता है. दुसरे देशो में ट्रक ड्राइवरों को सम्मान मिलता है. हम ऐसे माहौल का निर्माण करे जहां ना केवल हैवी व्हीकल्स में हाइड्रोजन इंजन लगे, बल्कि उन व्हीकल्स को चलाने वाले हैवी व्हीकल ड्राइवर का भी लोग सम्मान करे.