
रामगढ़. सिकनी में 50 वर्षीय शमशाद अंसारी (पिता अशरफ अंसारी) की हत्या कोई मॉब लिंचिंग नहीं, बल्कि एक सुनियोजित मर्डर था. अपराधियों ने पूरी प्लानिंग के साथ शमशाद अंसारी की पहले रेकी की, उसके बाद पैसो का तगादा करने निकले शमशाद पर मौका पाकर हमला कर दिया. शमशाद को पिटते देख आस पास के ग्रामीणों ने बीच बचाव किया. ग्रामीण इससे पहले कुछ समझ पाते. अपराधी मौका देखकर फरार हो गए, ताकि पूरा मामला मॉब लिंचिंग जैसा बन जाए.
इस वारदात के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, रामगढ़ के नेतृत्व में एसाईटी का गठन हुआ. इस दल में किशोर रजक, हरिनंदन सिंह, गुलशन भेंगरा, जय प्रकाश शर्मा, सोनू कुमार और जयश्री वर्मा शामिल थी. पुलिस ने लगातार छापेमारी कर इस वारदात में शामिल पांच आरोपियों को धर दबोचा. पांचो के नाम पूरन महतो, भुवनेश्वर महतो, हीरालाल महतो, बालेश्वर महतो और अरविंद महतो है. सभी आरोपियों ने कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. ताकि इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों तक भी पहुंचा जाए और कांड का उद्भेदन किया जा सके.
आपको बता दे कि शमशाद अंसारी ने दुलमी प्रखंड के सिकनी गांव के हराधन महतो से कुछ पैसे उधार लिए थे. इसी सिलसिले में हराधन से बात करने वह सिकनी गांव आया था. जहां उसके साथ मारपीट की वारदात को अंजाम दिया गया. अस्पताल ले जाने के क्रम में उसने दम तोड़ दिया था. हराधन का बेटा रामकुमार महतो सहायक शिक्षक है. इस कांड में रामकुमार महतो के भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है.