
रांची: जमीन से संबंधित मामले की पूछताछ के लिए ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आज पूछताछ के लिए रांची स्थित कार्यालय बुलाया था. समन के मुताबिक गुरूवार को सुबह 11 बजे सीएम हेमंत सोरेन को ईडी कार्यालय पहुंचना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे. वे अपने आवास से सीधा धुर्वा स्थित सचिवालय गए. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से चिट्ठी भेजी गयी. चिट्ठी में क्या बातें लिखी हुई हैं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है. वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी पर राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. सीएम ने याचिका में ईडी के समन को चुनौती देते हुए बताया है कि ईडी जिस जमीन संबंधित मामले में उन्हें समन जारी कर रही है, वो राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है. सीएम ने ये भी बताया है कि पिछले साल 17 नवंबर को ईडी ने उन्हें खनन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. उसी समय उन्होंने अपने और अपने परिवार के चल-अचल संपत्ति के बारे में पूरा ब्यौरा ईडी को दे दिया था. 30 नवंबर 2022 को अचल संपत्ति के डीड की सर्टिफाइड कॉपी भी ईडी को मुहैया करा दी गयी थी. बैंक के डिटेल्स भी मुहैया कराये गए थे. इसके बावजूद ईडी ने उन्हें दोबारा समन जारी किया है. उन्होंने इसे पूरी तरह राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है.
पहले समन पर ही सीएम ने दी थी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी:
पिछली बार 7 अगस्त को ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से संपत्ति का ब्यौरा मांगते हुए उन्हें 14 अगस्त को पूछताछ के लिए समन जारी किया था. इसपर सीएम हेमंत सोरेन की ओर से तल्ख अंदाज में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा के नाम पत्र भेजा गया था. सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के ठीक एक दिन पहले पूछताछ के लिए बुलाने के तरीके पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने लिखा था कि ईडी द्वारा जिस तारीख को उन्हें बुलाया गया है, उससे उन्हें थोड़ा भी आश्चर्य नहीं हुआ. उन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर को कोट करते हुए लिखा था कि आप और आपके राजनीतिक मास्टर अच्छी तरह जानते है कि उन्हें 15 अगस्त को ध्वजारोहण करना होता है. इसकी तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है. यह जानने के बावजूद 14 अगस्त को बुलाया गया. इससे साफ है कि ना केवल उन्हें बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. सीएम हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल से केंद्र की सरकार ‘तालमेल’ बनाने का दबाव डाल रही है. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा था कि साल 2020 में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने उनके पिता शिबू सोरेन की संपत्ति की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी थी. जांच के दौरान सीबीआई ने गैर कानूनी तरीके से उनकी चल-अचल संपत्ति को भी खंगाला था. सीएम ने चुटकी लेते हुए लिखा था कि ईडी चाहे तो सीबीआई से रिपोर्ट ले सकती है. सीएम ने इस पत्र के जरिये कहा था कि ईडी को अपना समन वापस लेना चाहिए अन्यथा वे कानून का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे. इसके बावजूद ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था. वहीं, ईडी ने भी सीएम हेमंत सोरेन के पत्र का जवाब दिया है. इसमें ईडी ने बताया है कि यह विवरण उसके पास उपलब्ध है लेकिन हालिया जांच में सोरेन परिवार की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी ईडी को मिली है. इस संबंध में ही उन्हें समन किया गया है.