
रांची: सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद मामले में विकास विरोधी और सरकार विरोधी एजेंडा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद पर चल रही महीनों की कानूनी लड़ाई आज आखिरकार खत्म हो गयी है. झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव और सरना समिति सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं खारिज करते हुए रैंप निर्माण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
अदालत के इस फैसले के साथ सरकार द्वारा तैयार की गयी फ्लाईओवर योजना यथावत रहेगी और सिरमटोली चौक के पास बन रहा रैंप नियमानुसार आगे बढ़ेगा. झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने यह जानकारी दी है.
याचिकाकर्ताओं का मुख्य तर्क था कि रैंप का हिस्सा केंद्रीय सिरमटोली सरना स्थल के समीप है. जिससे सरहुल के दौरान आवागमन बाधित हो सकता है. जबकि सरकार और नगर निगम की ओर से दायर हलफनामों में दावा किया गया कि फ्लाईओवर परियोजना शहर को जाम से निजात और सार्वजनिक सुविधा के लिये जरुरी है और सरना स्थल की आस्था, पहुंच और सुरक्षा के लिये वैकल्पिक इंतजाम किये गये हैं. विस्तृत बहस के बाद हाईकोर्ट ने माना कि परियोजना से जनहित को बड़ा लाभ होने की संभावना है और तकनीकी व नीतिगत निर्णयों में अदालत सीमित दखल रखेगी. इसका हवाला देते हुए अदालत ने याचिकाएं खारिज कर दी और रैंप निर्माण जारी रखने का रास्ता साफ हो गया.



