
रांची. आज झारखंड हाईकोर्ट में जेटेट परीक्षा का आयोजन कराने के लिए दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई पूरी हुई. याचिका में शिक्षक नियुक्ति से पूर्व झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) कराने की मांग की गई है. सुनवाई के बाद खंडपीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. इससे पूर्व 25 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई हुई थी, जिसमें जेटेट परीक्षा और सीटेट की मान्यता पर राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से इस केस की पैरवी झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज और अधिवक्ता कुशल कुमार ने की. इधर, प्रशिक्षित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल महतो ने बताया कि जेटेट के विषय पर हमलोग पिछले तीन साल से लगातार राज्य सरकार से मांग करते आ रहे थे. मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलने पर हमे न्याय का आश्वासन मिला था, मगर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई. इसलिए हाईकोर्ट की शरण में आना पड़ा. वही सुनवाई पूरी होने के बाद इस केस के याचिकाकर्ता मोतीलाल नायक, अरुण कुमार महतो व प्रशिक्षित शिक्षक संघ के कार्यसमिति सदस्य योगेन्द्र महतो ने कहा कि हमें न्यायालय पर पुरा भरोसा है, न्यायालय हमारे साथ न्याय करेगी और फैसला हमारे पक्ष में आएगा.
आपको बता दे कि हाल ही में जेएसएससी ने 26000 शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा शुरू की थी. जो विवादों के घेरे में आ गयी थी. इस नियुक्ति प्रक्रिया में जेटेट पास अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते थे. इस प्रक्रिया से सीटेट अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया था. अभ्यर्थियों की ये भी मांग थी कि पिछली जेटेट परीक्षा 2016 में हुई थी. उसके बाद जेटेट परीक्षा नहीं हुई. इसीलिए जेटेट परीक्षा ले ली जाए, उसके बाद शिक्षकों की भर्ती की जाए, जिससे सबको समान अवसर मिलेगा. हाईकोर्ट के आदेश पर 26000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का भविष्य टिका हुआ है.