
चाईबासा/रांची. राज्य के सहायक पुलिस कर्मियों को दो वर्ष का अवधि विस्तार मिलेगा. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज चाईबासा में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित करने के क्रम में यह घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित है और इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी की सेवा करने का सरकार ने संकल्प ले रखा है. इस दिशा में काफी कम समय में हमने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं. जन कल्याण से जुड़ी योजनाएं अब धरातल पर उतर रही है और उसका असर भी दिख रहा है.
चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं. इस कड़ी में पढ़े लिखे एवं कम पढ़े- लिखे तथा निरक्षर लोगों के लिए रोजगार की कई योजनाएं चल रही हैं. वहीं, जो स्वरोजगार के इच्छुक हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आर्थिक मदद कर रहे हैं.
झारखण्ड में निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का हम कानून लेकर आये। यह अत्यंत खुशी का विषय है कि झारखण्ड के मेरे होनहार भाईयों-बहनों को कोल्हान प्रमण्डलीय रोजगार मेला कार्यक्रम में ऑफर लेटर दिया जा रहा है। आज 10 हजार स्थानीय युवाओं को ऑफर… pic.twitter.com/TJSmvuUUVK
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 18, 2023
सिर्फ रोजगार नहीं दे रहे, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों और कोर्सेज करने के लिए भी दे रहे हैं सरकारी मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ युवाओं को रोजगार नहीं दे रहे हैं बल्कि उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकारी मदद भी कर रहे हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत युवाओं को अपने प्रखंड में ही कौशल विकास का नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के लिए बिरसा केंद्र खोला गया है. विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है. अत्यंत संवेदनशील आदिवासी समुदाय के युवक-युवतियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए नि:शुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है. ऐसी कई और भी योजनाएं हैं जो आपके भविष्य को बनाने के लिए सरकार ने शुरू की है.
सरकारी हो या निजी क्षेत्र, आपके लिए कई मौके
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो निजी क्षेत्र में भी यहां के आदिवासियों -मूल वासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नियम बनाए हैं. उन्होंने कहा कि अब राज्य में कार्यरत निजी संस्थानों और कंपनियों में 40 हज़ार रुपए प्रति माह तक की नौकरियों में यहां के आदिवासियों मूलवासियों को 75 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा. यह कानून बनने के बाद आज पहली बार कोल्हान की धरती से एक साथ 10,020 युवाओं को ऑफर लेटर मिलना राज्य के लिए मील का पत्थर है. मुझे यह जानकर भी बहुत खुशी हुई कि इसमें लगभग 9500 आदिवासी- मूलवासी हैं और इनमें 80 प्रतिशत आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के युवा हैं. यह सिलसिला आगे भी चलेगा और बड़े पैमाने पर यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएंगे.
हमारी हमेशा सोच और नीति रही है कि अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए हम निजी क्षेत्र में स्थानीय के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण कानून लेकर आए। यहां कार्यरत निजी उपक्रमों में 75 प्रतिशत स्थानीय को जगह मिले उस पर हम आगे बढ़े हैं। आज उसी का प्रतिफल है… pic.twitter.com/U5Hxij84sQ
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 18, 2023
राज्य की जनता के बेहतर जीवन के लिए बेहतर व्यवस्था देने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मजबूत होंगे तो आपके घर- परिवार में सुख समृद्धि आएगी. जब आपका परिवार खुशहाल होगा तो राज्य भी सशक्त और मजबूत बनेगा. इसी सोच के साथ सरकार आपको अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए आपके साथ खड़ी है. इस दिशा में संसाधनों का बेहतर प्रयोग करने के लिए कार्य नीति बनाई गई है. हमारा संकल्प है राज्य की जनता को बेहतर जीवन के लिए बेहतर व्यवस्था दे सकें.
लड़कर राज्य लिए हैं, लड़कर हक- अधिकार लेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लंबा संघर्ष कर झारखंड अलग राज्य लिया है. अब लड़कर अपना हक-अधिकार भी लेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी आपके बीच से ही आया हूं, इसलिए आपकी समस्याओं से भलीभांति वाकिफ हूं. ऐसे में आपकी उम्मीदों के अनुरूप योजनाओं को बनाकर उसे धरातल पर उतार रहे हैं. जब से हमारी सरकार बनी है, तब से कई चुनौतियों हमारे सामने आई, लेकिन इन तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए आज हम राज्य को एक नई दिशा दे रहे हैं.
हमारे पूर्वजों की शहादत के बाद हमें यह राज्य मिला है।इस राज्य को यहां का आदिवासी और मूलवासी ही संवारेगा। आप अपने पैरों पर खड़ा हो, चाहे वो नौकरी हो, रोजगार हो या स्वरोजगार, आपका भाई आपके साथ है।
मैं जल्द फिर चाईबासा आऊंगा और एक बड़ी लकीर खींच कर जाऊंगा, जिसे विरोधी कभी मिटा नहीं… pic.twitter.com/JqVQg72VTU— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 18, 2023
आदिवासी बहुल राज्य होने के बाद भी आदिवासी होते रहे दरकिनार
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है. लेकिन, अलग राज्य बनने के 20 वर्षों तक आदिवासियों के हितों को दरकिनार किया जाता रहा. जब हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों को विकास से जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरू की. आदिवासी कला- संस्कृति और परंपरा को अलग पहचान मिले, इसलिए आदिवासी महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू किया गया. उन्होंने आदिवासियों से कहा कि वे एकजुट हो और अपनी ताकत दिखाएं, तभी वे मजबूत बनेंगे और आगे बढ़ेंगे.
इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम, चम्पाई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, जोबा मांझी और बन्ना गुप्ता, सांसद गीता कोड़ा, विधायक सुखराम उरांव, निरल पूर्ति, सविता महतो, दीपक बिरुवा, सोनाराम सिंकू, मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, संजीव सरदार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे , श्रम सचिव राजेश शर्मा, प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे.