
रांची. सीएम हेमंत सोरेन ने आज झारखंड आदिवासी महोत्सव के समापन के दौरान देश में आदिवासियों के अस्तित्व पर गहराते संकट और सरना धर्म कोड को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में 90 लाख आदिवासी रहते है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 26 प्रतिशत है. वहीं देश में सवा सौ करोड़ की आबादी में आदिवासियों की लगभग 13 करोड़ की आबादी है. समाज को ये तय करना होगा कि क्या ये 13 करोड़ आबादी सवा सौ करोड़ की आबादी में कही गुम हो जाएगी, या इनकी अलग पहचान के लिए कुछ किया जाएगा. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने आदिवासियों की अलग पहचान के लिए सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजा है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वे देश और राज्य में आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने नहीं देंगे. केंद्र सरकार ने सरना धर्म कोड को लटका रखा है, लेकिन वे इसे लागू कराकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसी कई जातियां और समुदाय है, जिनकी आबादी आदिवासियों से भी कम है, लेकिन देश और समाज में उनकी अलग धार्मिक पहचान है. लेकिन आदिवासियों को षड्यंत्र के तहत आज तक उनकी धार्मिक पहचान से अलग रखा गया है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज देश का आदिवासी समाज बिखरा हुआ है. आदिवासियों में एकता की कमी नजर आती है. मणिपुर जैसी घटना ने आदिवासी समाज को विचित्र परिस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है. आज आदिवासी समाज को अपनी पहचान के लिए खड़ा होना होगा. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उनका प्रयास है कि देश और राज्य में बिखरे हुए आदिवासी समाज को एकजुट किया जाये. ताकि सभी आदिवासियों को एक डोर में बांधा जा सके.