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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के 508 ‘अमृत भारत रेलवे स्टेशनो’ के पुनर्विकास कार्यो का किया शिलान्यास, विपक्ष पर साधा निशाना, बोले – ‘कुछ लोग ना काम करेंगे, ना करने देंगे’ वाले रवैये पर अड़े है

पीएम ने कहा कि हमने देश के विकास को इस सकारात्मक राजनीति से आगे बढ़ाने का फैसला किया है, और इसलिए नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक राजनीति के मार्ग पर एक मिशन के रूप में हम चल रहे हैं. किस राज्य में किसकी सरकार है, कहां किसका वोट बैंक है, इस सबसे ऊपर उठकर हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं.

नई दिल्ली/रांची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को 508 अमृत भारत रेलवे स्टेशन की सौगात दी. वर्तमान में मौजूद इन रेलवे स्टेशनो का पुनर्विकास कर इन्हे अंतराष्ट्रीय मनको के अनुरूप तैयार किया जाएगा. कुल 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनो के पुनर्विकास का लक्ष्य रखा गया है, जिनमे आज 508 स्टेशनो के पुनर्विकास कार्यो का शिलान्यास किया गया है. इन 508 अमृत भारत स्टेशन्स के नवनिर्माण पर करीब 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. झारखंड में हटिया रेलवे स्टेशन, बरकाकाना, पिस्का, बोकारो स्टील सिटी, चंद्रपुरा, डाल्टनगंज, गढ़वा रोड, गढ़वा टाउन, हज़ारीबाग़ रोड, घाटशिला, कोडरमा, कुमारधुबी, लातेहार, मनोहरपुर, गोमो, नगर उतांरी, पारसनाथ, राजखरसंवा, साहिबगंज शामिल है. सर्वाधिक अमृत भारत रेलवे स्टेशन यूपी और राजस्थान में बनेंगे. इन दोनों राज्यों में 55 अमृत भारत रेलवे स्टेशन बनाये जाएंगे. इसके बाद महाराष्ट्र में 44 स्टेशन बनेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन स्टेशनो के ऑनलाइन शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में साउथ अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं. साउथ कोरिया, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा ट्रैक भारत ने अकेले पिछले एक साल में बनाए हैं. पीएम ने कहा कि भारत में आज आधुनिक ट्रेनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. आज देश का लक्ष्य है कि रेलवे की यात्रा हर यात्री के लिए, हर नागरिक के लिए सुलभ भी हो, और सुखद भी हो. अब ट्रेन से लेकर स्टेशन तक आपको एक बेहतर एक उम्दा से उम्दा एक्सपीरियन्स देने का प्रयास है. प्लेटफॉर्म्स पर बैठने के लिए बेहतर सीटें लग रही हैं, अच्छे वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं. आज देश के हजारों रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा है.

रेलवे स्टेशन अब ‘हार्ट ऑफ द सिटी’ बन गए हैं: पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे को हमारे देश की लाइफ-लाइन कहा जाता है. लेकिन इसके साथ ही, हमारे शहरों की पहचान भी शहर के रेलवे स्टेशन से जुड़ी होती है. समय के साथ ये रेलवे स्टेशन अब ‘हार्ट ऑफ द सिटी’ बन गए हैं. शहर की सारी प्रमुख गतिविधियां, रेलवे स्टेशनों के आसपास ही होती हैं. इसलिए आज बहुत आवश्यक है कि हमारे रेलवे स्टेशनों को नए आधुनिक स्वरूप में ढाला जाए, रेलवे की जगह का ऑप्टिमम युटीलाइज़शन किया जाए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टेशन के आस-पास अच्छी व्यवस्थाएं होने से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार ने स्टेशनों को शहर और राज्यों की पहचान से जोड़ने के लिए ‘वन स्टेशन, वन प्रॉडक्ट’ योजना भी शुरू की है. इससे पूरे इलाके के लोगों को, कामगारों और कारीगरों को फायदा होगा, साथ ही जिले की ब्रांडिंग भी होगी.

ट्रांसफॉर्मेशन के लिए जरूरी है उसके पोटेंशियल को पहचानना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी व्यवस्था को ट्रांसफॉर्म करने के लिए जरूरी होता है कि हम उसके पोटेंशियल को पहचानें. भारतीय रेल में तो ग्रोथ को रफ्तार देने का अपार पोटेंशियल है. इसी सोच के साथ बीते 9 वर्षों में हमने रेलवे में रिकॉर्ड इनवेस्टमेंट किया है. इस साल रेलवे को ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट दिया गया है. ये बजट 2014 की तुलना में 5 गुना ज्यादा है. आज एक होलिस्टिक सोच के साथ रेलवे के समग्र विकास के लिए काम हो रहा है. इन 9 वर्षों में लोकोमोटिव्स उत्पादन में भी 9 गुना की वृद्धि हुई है. आज देश में पहले की अपेक्षा 13 गुना ज्यादा HLB कोच बन रहे हैं. पिछले 9 वर्षों में 22 सौ किलोमीटर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर भी बनाए गए हैं. इसकी वजह से मालगाड़ियों के ट्रैवल टाइम में काफी कमी आई है. पीएम ने कहा कि 2014 से पहले देश में 6 हजार से भी कम, रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज थे. आज ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज की ये संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है. देश में बड़ी लाइन पर मानव रहित क्रॉसिंग की संख्या भी शून्य हो चुकी है.

कुछ लोग ‘न काम करेंगे, न करने देंगे’ वाले रवैये पर अड़े हुए है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास कार्यक्रम के बहाने विपक्ष को भी जमकर आड़े हाथो लिया. पीएम ने कहा कि अमृतकाल कर्तव्यकाल भी है. लेकिन कुछ बातें जब हम देखते हैं तो मन को पीड़ा भी होती है. दुर्भाग्य से, हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है. वो आज भी खुद तो कुछ करेंगे नहीं और किसी को करने भी न देंगे. ‘न काम करेंगे, न करने देंगे’ ये रवैये पर अड़े हुये हैं. देश ने आज की, और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक इमारत बनवाई. संसद देश के लोकतंत्र की प्रतीक होती है, उसमें पक्ष विपक्ष सबका प्रतिनिधित्व होता है. लेकिन, विपक्ष के इस धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया. हमने कर्तव्यपथ का विकास किया तो उसका भी विरोध किया गया. इन लोगों ने 70 साल तक देश वीर शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल तक नहीं बनाया. जब हमने नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया, उसका निर्माण किया, तो इसकी भी सरेआम आलोचना करते उनको शर्म नहीं आई. सरदार वल्ल्भ भाई पटेल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है. हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है. और कुछ राजनीतिक दल चुनाव के समय तो सरदार साहब को याद कर लेते हैं. लेकिन, आज तक इनका एक भी बड़ा नेता स्टेचू ऑफ यूनिटी में जाकर के सरदार साहब की इस भव्य प्रतिमा के ना दर्शन किए ना उन्हें नमन किया है.

पीएम ने कहा कि हमने देश के विकास को इस सकारात्मक राजनीति से आगे बढ़ाने का फैसला किया है, और इसलिए नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक राजनीति के मार्ग पर एक मिशन के रूप में हम चल रहे हैं. किस राज्य में किसकी सरकार है, कहां किसका वोट बैंक है, इस सबसे ऊपर उठकर हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास ये धरती पर चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटे हैं.

अगस्त क्रांति का महीना है: पीएम ने कहा कि कल 7 अगस्त को पूरा देश स्वदेशी आंदोलन को समर्पित, नेशनल हैंडलूम डे मनाएगा. 7 अगस्त की ये तारीख, हर भारतीय के लिए वोकल फॉर लोकल होने के संकल्प को दोहराने का दिन है. 7 तारीख के एक दिन बाद 9 अगस्त आ रही है. 9 अगस्त, वो तारीख है जब ऐतिहासिक Quit India movement की शुरुआत हुई थी. इसी से प्रेरित होकर आज पूरा देश हर बुराई के लिए कह रहा है- क्विट इंडिया. चारों तरफ एक ही गूंज है. करप्शन- क्विट इंडिया यानि भ्रष्टाचार इंडिया छोड़ो. Dynasty quit India यानि परिवारवाद इंडिया छोड़ो. अपीजमेंट quit India यानि तुष्टिकरण इंडिया छोड़ो.

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