
रांची. समान नागरिक संहिता और मध्य प्रदेश के पेशाब कांड के खिलाफ आज रांची के आदिवासी संगठन उबल गए. इनके साथ कई अल्पसंख्यक संगठनो ने भी आवाज बुलंद की. पैदल मार्च की शक्ल में सभी प्रदर्शनकारी हरमू मैदान से बीजेपी कार्यालय की तरफ बढे मगर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर इन्हे धोनी के पुराने आवास के सामने ही रोक दिया. जिसके बाद उग्र प्रदर्शनकारियों की पुलिस से नोक झोंक भी देखने को मिली.
आदिवासी सेना, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी जन परिषद्, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच समेत कई आदिवासी – अल्पसंख्यक संगठनो द्वारा आहूत किये गए इस कार्यालय घेराव कार्यक्रम के दौरान कई नेताओ को अरगोड़ा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार भी किया. जिन्हे बाद में रिहा कर दिया गया. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़को पर बैरिकेडिंग होने की वजह से यातायात डाइवर्ट करना पड़ा. जिससे हरमू रोड डेढ़ घंटे तक अस्त व्यस्त रहा.
बढ़ा दी गयी थी कार्यालय की सुरक्षा: आदिवासी मूलवासी संगठनो के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. सुबह से ही जिला पुलिस और रैफ के जवानो को भाजपा कार्यालय व् उसके आसपास सुरक्षा में तैनात किया गया था. हरमू मैदान से अरगोड़ा चौक तक के इलाके को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया था.
इन नेताओ की रही भागीदारी: भाजपा कार्यालय घेराव में अजय तिर्की, प्रेमशाही मुंडा, विजय शंकर नायक, लक्ष्मी नारायण मुंडा, एल्विन लाकड़ा, कुमुदिनी रिर्की, विकास तिर्की, प्रकाश मुंडा, क़ुदरसी मुंडा, अभय, रूपचंद केवट, रंजीत टोप्पो, प्रकाशहंस नवनीत उरांव, एमआर मांझी समेत कई अन्य संगठनो के नेतृत्वकर्ता शामिल हुए.