
रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुड़मी समाज को आज सबसे बड़ी सौगात दी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्व. जगरनाथ महतो की धर्मपत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाकर कुड़मी समाज की महिलाओ को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को पूरा किया. किसान परिवार में जन्मी बेबी देवी के मंत्री बनते ही कुड़मी समाज की वो श्रृंखला टूट गयी, जिसमे आजतक बनी तमाम सरकारों ने कुड़मी समाज के पुरुषो को ही मंत्रिमंडल विस्तार में महत्त्व दिया. हेमंत सोरेन ने इस परंपरा को तोड़ दिया और राज्य ने पहली बार कुड़मी समाज से एक महिला को राजभवन के दरबार हॉल में मंत्री बनते देखा.
राजभवन के अंदर बेबी देवी शिक्षा एवं उत्पाद विभाग के मंत्रालय का पदभार ले रही थी और बाहर कुड़मी समाज के लोग जश्न में डूबे थे. खासकर कुड़मी समाज की महिलाओ ने आज के दिन को शासन में लैंगिक समानता के स्वर्णिम दिन के रूप में यादो में बसा लिया. आज हेमंत सरकार ने ये भी संदेश दिया कि महिला चाहे पढ़ी लिखी हो, या ना हो. उसमे अगर नेतृत्व कौशल है, तो शासन के दरवाजे महिलाओ के लिए भी उतने ही खुले है, जितने पुरुषो के लिए है.
हेमंत कैबिनेट की 11वे मंत्री के रूप में ली शपथ: दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने राज्य में हेमंत सरकार के 11वे कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ लिया. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई. बेबी देवी ने हिंदी में शपथ लिया. बेबी देवी के शपथ लेते ही राजभवन का दरबार हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. जैसे ही राजभवन के बाहर कुड़मी समाज के लोगो एवं बेबी देवी के समर्थको को शपथ ग्रहण विधि संपूर्ण होने की सूचना मिली. राजभवन का मुख्य द्वार स्व. जगरनाथ महतो अमर रहे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिंदाबाद के नारो से गुंजायमान हो गया.
बेबी देवी का परिचय: बेबी देवी स्व. जगरनाथ महतो की धर्मपत्नी हैं. इनका जन्म धनबाद के गोमो स्थित जीतपुर गांव के एक किसान परिवार में हुआ है. इनकी उम्र 50 साल है. इन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की हैं. बेबी दो भाई और एक बहन में सबसे छोटी हैं. इनकी शादी 1979 में दिवंगत जगरनाथ महतो के साथ हो गई थी. उस समय जगरनाथ महतो मिडिल स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे. कम उम्र में ही दोनों की शादी हो गयी और पारिवारिक जिम्मेदारी कंधो पर आ गयी. अपने जीवन में बेबी देवी ने संघर्षो को करीब से देखा और उन्हें महसूस किया है. कम उम्र में ही बेबी देवी के पिता भवानी महतो और मां झुपरी देवी सहित दो भाई बोधराम महतो और मोहन महतो का निधन हो गया. इसी साल 6 अप्रैल के दिन उन्होंने अपने पति को भी खो दिया. बावजूद इसके डुमरी विधानसभा क्षेत्र में वे लगातार पति के सपनो को पूरा करने और पार्टी की विरासत को संभालने में जुटी रही. बेटे अखिलेश महतो के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओ के संपर्क में रही और उनके दुःख सुख में हिस्सा लिया. बेबी देवी की चार बेटी और एक बेटा है.