
झारखंड पुलिस और राष्ट्रिय जांच एजेंसी (एनआईए) के संयुक्त अभियान में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो कुख्यात नक्सली दिनेश गोप हत्थे चढ़ गया है. 30 लाख के इनामी नक्सली दिनेश गोप को पुलिस ने नेपाल से गिरफ्तार कर लिया है. दिनेश गोप अपना हुलिया बदलकर रह रहा था, मगर एनआईए और झारखंड पुलिस के सांझा अभियान से बचकर भागने में वो कामयाब नहीं हो पाया. अपने भाई सुरेश गोप की मौत के बाद स्थानीय आपराधिक गिरोह के खिलाफ दिनेश गोप ने पहली बार हथियार उठाया और झारखंड लिबरेशन आर्मी नाम का ग्रुप बना लिया, 2007 में मसीहचरण पूर्ति के साथ मिलकर उसने कुख्यात उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का गठन किया. इसके बाद दहशत की दुनिया में दिनेश आगे बढ़ता चला गया. उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दिनेश की दहशत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का और एनआईए ने भी 5 लाख का इनाम रखा था. बताया जा रहा है कि दिनेश की गिरफ्तारी इतनी आसानी से नहीं हुई, उसकी गिरफ्तारी के लिए एनआईए और झारखंड पुलिस दो साल से प्रयास में लगी थी.
राजधानी रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लापा मोहराटोली गांव है. ये गाँव दहशत के सुप्रीमो दिनेश गोप का ही गांव है. दर्जनों लोगों की निर्मम हत्या का आरोपी दिनेश गोप के ऊपर 150 मामले दर्ज है. दिनेश गोप की 2 पत्नियां है, जिनकी गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. कई सालो से दिनेश गोप ठेकेदारों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए सिरदर्द बन गया था. लेवी वसूलने से लेकर टेरर फंडिंग तक के आरोप दिनेश के ऊपर है.
सुखराम से मिले सुराग: हाल ही में झारखंड पुलिस ने अभियान चलाकर दिनेश गोप के करीबी सुखराम गुड़िया को गिरफ्तार कर लिया था. सुखराम की गिरफ़्तारी के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि पुलिस जल्द दिनेश गोप तक पहुंच जायेगी. सुखराम से मिले सुराग और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने दिनेश को ट्रेस करना शुरू कर दिया. आज दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब राष्ट्रिय जांच एजेंसी एनआईए उसे दिल्ली ले जाने की तैयारी कर रही है.