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पैसे के अभाव में मां का इलाज रुका तो अपनी किडनी बेचने रांची के अस्पताल पहुंच गया मासूम

रांची: मां और बेटे का रिश्ता अनमोल होता है. इस रविवार को पूरी दुनिया मां के सम्मान में मदर्स डे मनाएगी. माएं भी अपने बच्चों की सलामती के लिए हर समय तत्पर रहती है. रांची में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक बेटे ने मां के इलाज के लिए अपनी किडनी तक बेचने का फैसला कर लिया. गया जिले का मासूम दीपांशु मदर्स डे के बारे में नहीं जानता, लेकिन उसकी हर सांस में उसकी मां के लिए प्यार बसा है. उसकी हर धड़कन अपनी मां के लिए धड़क रही है. इसीलिए जब पैसो के अभाव में मां का इलाज रुका तो दीपांशु ने अपनी किडनी बेच कर मां का इलाज कराने का फैसला किया. वो अस्पताल-अस्पताल घूमकर अपनी किडनी के लिए खरीदार ढूंढने लगा. इसी दौरान वो रांची के एक निजी अस्पताल में पहुंचा. यहां उसकी धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों से मुलाकात हो गयी. दीपांशु निजी अस्पताल में पहुंचकर लोगों से पता करता रहा कि किसे किडनी की जरुरत है. कितने में बिकेगा. जानकारी मिली तो अस्पताल के कर्मियों ने रिम्स के डॉक्टरों को इससे अवगत कराया. साथ ही दीपांशु को भी बताया कि किडनी बेचना गैरकानूनी है. दीपांशु ने डॉक्टरों से बताया कि मां का इलाज कराना है, इसीलिए वह अपनी किडनी बेचना चाहता है. रिम्स के डॉक्टरों ने दीपांशु के मां को स्वस्थ कर देने का भरोसा दिलाकर रांची लाने को कहा. रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. विकास और उनके सहयोगियों ने दीपांशु को मां का रिम्स में इलाज कराने और इसका सारा खर्च उठाने का आश्वासन दिया. दीपांशु ने बताया कि मां का पैर टूट गया है और उसके पास इलाज कराने के पैसे नहीं है. दीपांशु ने कहा कि उसके पिता बचपन में ही गुजर गए है. मां ने मजदूरी कर पाला है. जब दीपांशु को मां की तकलीफ देखी नहीं गयी तो वह रांची के एक होटल में काम करने लगा. इसी दौरान मां के पैर टूटने की सूचना मिली. पैसे उतने भी नहीं मिलते कि मां का इलाज करा सके. इलाज रुक गया था, तब उसने किडनी बेचकर पैसे जुटाने का फैसला किया.

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