
रांची: झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काम का डंका अब ना केवल राज्य में, बल्कि देश भर में बज रहा है. सीएम हेमंत सोरेन ने जिस तरह कोरोना काल में आगे बढ़कर देश में नाजीर कायम की. हेमंत सोरेन के प्रयासों की वजह से हवाई चप्पल वाले झारखंडी मजदूर हवाई जहाज में रेस्क्यू किये गए. मजदूरों को राज्य में वापस लाने के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की पहल के कारण देश में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयी. आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड का प्रस्ताव विधानसभा से पास कर केंद्र को भेजा गया. ऐसे अनगिनत उपलब्धियों ने हेमंत सोरेन को राष्ट्रिय नेता के तौर पर पहचान दिलाई है. यही वजह है कि दुनिया के सबसे बड़े आदिवासी संस्थान कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस ने सीएम हेमंत सोरेन को संस्थान में आमंत्रित किया है. हेमंत सोरेन शुक्रवार को करीब 40 हजार छात्रों को संबोधित करेंगे. यह ना केवल राज्य के लिए बड़े गर्व का विषय है, बल्कि शोषित और वंचित आदिवासी समाज के लिए भी गौरव का विषय है. कल तक जिस आदिवासी समाज को पिछड़ा और कमजोर समझा जाता था, सीएम हेमंत सोरेन ने उसी आदिवासी समाज से निकलकर पूरे देश को जनजातीय समाज की ताकत का अहसास कराया है. यही कारण है कि लगातार कई वर्षो से हेमंत सोरेन देश के 100 सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में भी शामिल होते रहे है. देश के 100 सबसे ताकतवर लोगों की सूची में शामिल होने वाले वे झारखंड के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री है.