
दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहने के मामले में दुमका जिला के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने विधायक इरफान अंसारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दुमका के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्द बोलने के मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. यह फैसला एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसडीजेएम जितेंद्र राम की अदालत ने दिया. मामला 27 नवंबर 2018 का है. भाजपा नेता तरुण कुमार गुप्ता ने नारायणपुर थाना में केस दर्ज कराया था कि लोकनिया गांव में आयोजित एक आम सभा में इरफान अंसारी ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द कहा था. पहले यह केस जामताड़ा कोर्ट में दर्ज हुआ था. बाद में इसे एमपी-एमएलए कोर्ट दुमका ट्रांसफर कर दिया गया. जहां आज इसपर फैसला सुनाया गया.
भाजपा पावर का मिसयूज कर रही है:
कोर्ट के द्वारा बरी किये जाने के बाद विधायक इरफान अंसारी ने भाजपा को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि क्या भाजपा के नेता कांग्रेस के बारे में अनर्गल बयानबाजी नहीं करते है? हमलोग तो भाजपा के खिलाफ मुकदमा करने नहीं जाते है. भाजपा अपने पावर का मिसयूज कर रही है. उन्होंने कहा कि आज जिस तरीके से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गयी. उनसे उनका घर भी छीन लिया गया. इससे हर जगह जनता दुखी है. कांग्रेस इस मामले में चुप बैठने वाली नहीं है. प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक आंदोलन किया जायेगा. कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता राहुल गांधी की सदस्यता फिर से बहाल करने के लिए बाध्य कर देगा.
राहुल गांधी गरीबों की आवाज है:
विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि राहुल गांधी गरीबों की आवाज है. क्या हमलोग भी अडानी-अंबानी की दलाली करें. गरीबों की बात करना छोड़ दें.अगर गरीबों का पक्ष लेना गलत है, तो जो सजा देना है दे दीजिये. चाहे हमारी सदस्यता रद्द कर दीजिये या फांसी पर लटका दीजिये, हमलोग चुप बैठने वाले नहीं है.