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पलामू टाइगर रिजर्व में वर्षों बाद दिखा बाघ, बढ़ाई गयी निगरानी

पलामू: झारखंड के एकमात्र पलामू टाइगर रिजर्व में वर्षों बाद बाघ दिखा है. पीटीआर के कैमरे में दो जगहों पर बाघ कैद हुआ है. बाघ देखे जाने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पदाधिकारी अलर्ट पर हैं और इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है. ग्रामीणों को जंगल में जाने पर सावधानी बरतने की अपील की गई है. बताते चलें कि वर्ष 2019-20 में पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में एक बाघिन मृत अवस्था में मिली थी. उसके बाद से पहली बार बाघ की तस्वीर पलामू टाइगर रिजर्व के कैमरे में कैद हुई है.

पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ नहीं दिख रहा था. कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ सीमा पर एक बाघ दिखा था और यह भी बताया गया था कि बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में प्रवेश किया है. इसके बाद से रिजर्व के अधिकारियों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारी अलर्ट पर थे और लगातार निगरानी रख रहे थे.

कभी नक्सलियों के लिए पनाहगाह रहा बूढ़ा पहाड़ से सटे इलाके में बाघ दिखा है. हालांकि वन विभाग ने सुरक्षा कारणों से बाघ का वास्तविक लोकेशन सार्वजनिक नहीं किया है. जिस इलाके में बाघ दिखा है वह अति नक्सल प्रभावित इलाका है और बूढ़ा पहाड़ से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. बूढ़ा पहाड़ एक तरफ से छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है. संभावना है कि छत्तीसगढ़ सीमा पर नजर आने वाला बाघ हो सकता है.

पीटीआर अधिकारियों के अनुसार इलाके में बाघ ने पिछले 24 घंटे के अंदर दो शिकार किए हैं. दरअसल पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को शुक्रवार को सूचना मिली थी कि इलाके में बाघ की मौजूदगी है. इसी सूचना के आलोक में रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष, उपनिदेशक कुमार आशीष, प्रजेश जेना इस इलाके में गए हुए थे. अधिकारियों के सामने शनिवार को बाघ ने एक शिकार किया.

रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बाघ मिलने के बाद इलाके में अलर्ट जारी किया गया है और चौकसी बढ़ाई गई है. बाघ व्यस्क है उसके पग मार्क 4 इंच से अधिक के हैं, जो बाघ के व्यस्क होने का प्रमाण है. अधिकारियों के अनुसार बाघ आराम से शिकार कर रहा है और इलाके में घूम भी रहा है.

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