
गढ़वा के रेंजर कन्हैया राम ने करम महोत्सव कार्यक्रम के दौरान बेहद विवादास्पद बयान दिया. रेंजर के बयान के बाद कार्यक्रम में आये लोग हक्के बक्के रह गए. गढ़वा के भंडरिया मुख्यालय स्थित टेनटाड़ में करम पर्व पर आमंत्रित रेंजर कन्हैया राम ने सार्वजनिक मंच से स्वयं को नास्तिक बताते हुए करम पर्व व हिन्दू धर्म के पर्व त्याेहार को अंधविश्वास कहा. रेंजर इतने पर ही नहीं रुके सत्यनारायण भगवान की कथा को अंधविश्वास बताते हुए पूजा पद्धति को भयादोहन बताते हुए इसे ब्राह्मणो के द्वारा भय बनाकर डरा धमकाकर पूजा पद्धति से लोगों को जोड़े रखना भी बता दिया.
रेंजर के सार्वजनिक मंच से इस प्रकार के संबोधन से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. आज इसे लेकर गढ़वा जिला मुख्यालय में रेंजर का पुतला भी जलाया गया. रेंजर के बयान का विडीयाे तेजी से वायरल हो रहा है. ज्ञात हो कि भंडरिया जनजातीय बहुल प्रखंड है जहां नौका, भंडरिया सहित लगभग हर गांव में करमा पर्व घर-घर मनाया जाता है. भाई-बहन के पवित्र संबंधों को प्रगाढ़ करने वाला इस प्रकृति पर्व को लेकर पूरे राज्य में उत्सव का माहौल रहता है.
करमा पर्व के अवसर पर वन विभाग के द्वारा अपना बैनर लगाते हुए पूरे दल-बल के साथ रेंजर कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जहां अपने संबोधन में उन्होंने करमा पर्व या वन सुरक्षा को लेकर कोई विचार नहीं दिया उल्टे सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने व्यक्तिगत विचार जाहिर करते हुए सनातन धर्म व आस्था पर कुठाराघात करते रहे. रेंजर के इस प्रकार के कुकृत्य से स्थानीय लोगों में रेंजर के विरुद्ध आक्रोश बना हुआ है. भंडरिया प्रखंड की जनता ने गढ़वा उपायुक्त से मांग की है कि ऐसे विक्षिप्त विचार रखने वाले रेंजर पर कार्रवाई की जाए.
कन्हैया ने मांगी माफ़ी
बयान पर विवाद बढ़ने पर रेंजर कन्हैया ने अपने बयान पर खेद जताते हुए माफ़ी मांगी है. उनका कहना है कि उनकी मंशा किसी की आस्था को ठेस पहुँचाने की नहीं थी. वह सभी समुदायों का सम्मान करते है.