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60-40 पर सरकार घिरी, बचाव में उतरे मंत्री, किसी ने कहा – #60_40 भाजपा की एजेंसियां ट्रेंड करा रही है, तो किसी ने नीति को अस्थायी बता दिया, जानिये आज सदन में 60-40 को लेकर पक्ष विपक्ष ने क्या कहा..

60-40 आंदोलन के बीच आज सदन में पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी देखने को मिली. किसी ने ट्विटर पर #60_40 के ट्रेंड के पीछे एजेंसियों का हाथ बताया. तो किसी ने 60-40 के बहाने सरकार को बिन पेंदी का लोटा बता दिया.

झारखंड में चल रहे 60-40 आंदोलन के बीच आज सदन में पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी देखने को मिली. किसी ने ट्विटर पर #60_40 के ट्रेंड के पीछे एजेंसियों का हाथ बताया. तो किसी ने 60-40 के बहाने सरकार को बिन पेंदी का लोटा बता दिया. देखिये किसने क्या..

पेयजल आपूर्ति मंत्री मिथिलेश ठाकुर बोले – छात्रों ने संभावित नियोजन नीति का स्वागत किया है. जब प्रतियोगी परीक्षाओ का फॉर्म आएगा तो छात्र बढ़ चढ़ कर आगे आएंगे. बाबूलाल का मानसिक संतुलन गड़बड़ा रहा है. उन्हें रामदेव की शरण में जाने की जरुरत है. नियोजन नीति पर सदन में चर्चा के लिए सरकार तैयार है. विपक्ष सदन में चर्चा नहीं हंगामा चाहता है. कोई छात्र 60-40 का विरोध नहीं कर रहा है. ये धनबल के माध्यम से एजेंसियों के द्वारा करवाया जा रहा है.

भाजपा विधायक मनीष जायसवाल बोले – बिन पेंदी का लोटा है सरकार. पहले कहते है 1932 लागू नहीं हो सकता. फिर ये लागू कर देते है और खतियान यात्रा निकालते है. फिर बैकफुट पर आ गए और 2016 से पहले कि नियोजन नीति लेकर आ जाते है. आज राज्य के हालात बद से बदत्तर है. राज्य का नौजवान व्याकुल है. जब 1932 का भाजपा आजसू ने समर्थन किया, फिर बैकफुट पर क्यों आ गए ? हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया तो आप बैकफुट पर आ गए. सीएम झूठा बयान देते है कि 75% युवा सर्वे में 60-40 के पक्ष में है.

श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता बोले – नियोजन नीति बनेगी और झारखंड के हित में बनेगी. विपक्ष को मुद्दा चाहिए, थाली तो नहीं बजा सकते है. नियोजन नीति बहुत जल्द स्पष्ट हो जाएगा. सीएम पूरे मामले में नजर बनाये हुए है.

स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता बोले – जो लोग मर्द है वो कहे कि हिंदी के हम विरोधी है. अगर विपक्ष के पास कोई स्पष्ट नीति है तो वो बताये. कभी विपक्ष के लोगो ने नियोजन नीति बनाया, तो कटऑफ 1985 रखा था. गिरिडीह के सम्मलेन के बाद भाजपा के लोग बदल गए. गिरिडीह सम्मलेन के बाद ये 1932 के पक्ष में आ गए. भाजपा आजसू ये जानती है कि सरकार अच्छा काम भी करे तो उसका विरोध करना है. भाजपा के लोगो में इतनी हिम्मत है तो वो सार्वजानिक रूप से कहे कि हम नियोजन नीति में हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत के विरोधी है.

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