
देवघर में शिव बारात के निर्धारित रूटों पर धारा 144 लागू करने और शिव बारात का मार्ग बदलने को लेकर देवघर जिला प्रशासन के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट ने आज सही बताया. देवघर जिला प्रशासन के फैसले के खिलाफ देवघर के सांसद निशिकांत दुबे की याचिका को निष्पादित करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने देवघर जिला प्रशासन के फैसले को जायज ठहराया. सुनवाई के दौरान कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने देवघर के उपायुक्त से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनका पक्ष जाना.
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिला प्रशासन द्वारा देवघर में शिव बारात निकाले जाने का रास्ता नहीं बदला जा सकता है. क्योंकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से वर्षों से यह रास्ता तय कर रखा है, केवल कोविड के तीन वर्षों के दौरान यह रास्ता नहीं लिया गया था. इसलिए प्रार्थी द्वारा शिव बारात का रास्ता बदलने के आग्रह पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. डीसी द्वारा कोर्ट को मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन बताया गया कि धारा 144 शिव बारात के रास्ते पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगाया गया है. शिव बारात के सुरक्षा को लेकर देवघर जिला प्रशासन को कुछ आउटपुट मिला था, इसे लेकर धारा 144 लगाया गया है. उपायुक्त ने कोर्ट को बताया कि ऐसा नहीं है कि पूरे देवघर में धारा 144 लागू है. केवल शिव बारात के रुट पर 5 या 6 आदमी एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते हैं. कोर्ट ने समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से देवघर डीसी को आज से ही यह जानकारी प्रसारित करने को कहा है जिससे लोग जिला प्रशासन के आदेश को बेहतर ढंग से समझ पाए.
क्या है पूरा मामला
देवघर एसडीओ दीपांकर चौधरी ने एक आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे देवघर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. साथ ही शिव बारात निकालने को लेकर निर्धारित तय रूट के संबंध में भी आदेश जारी किया है. इसके खिलाफ देवघर के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दाखिल कर जिला प्रशासन के फैसले को चुनौती दी. निशिकांत दुबे ने धारा 144 हटाने और प्रशासन द्वारा तय किये गए रुट में बदलाव की मांग की थी.
पलामू में असामाजिक तत्वों ने मचाया था उत्पात
आपको बता दे कि झारखंड के पलामू में कुछ दिन पहले ही असामाजिक तत्वों ने हिंसक उत्पात मचाया था. दोनों पक्षों की ओर से जमकर हिंसा ओर उपद्रव हुआ था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवाएं भी बंद करा दी. अभी इस हिंसा की आंच धीमी भी नहीं हुई थी कि देवघर जिला प्रशासन के खुफिया विभाग ने जानकारी दी कि पालमू जैसी घटना को देवघर में भी दोहराने की साजिश की जा रही है. इसे लेकर देवघर जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर निषेधाज्ञा लागू करने का फैसला लिया है.