
रांची. टोटेमिक कुरमी/कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग फिर तेज हो गयी है. इस मामले में झारखंड के कुरमी/कुड़मी अब जोरदार प्रदर्शन की तैयारी में है. बंगाल की तर्ज पर अब राज्य के कुड़मी/कुरमी भी रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे. 20 सितंबर को मूरी स्टेशन में बड़ी संख्या में कुड़मी/कुरमी समाज के लोग जुटेंगे और बड़ा प्रदर्शन करेंगे. इसकी घोषणा आज टोटेमिक कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने की. रांची में बैठक कर 20 सितंबर के आंदोलन के रणनीति की घोषणा की गयी. ये रेल रोको आंदोलन तबतक जारी रहेगा जबतक केंद्र सरकार कुड़मी/कुरमी को एसटी में शामिल करने की अनुशंसा नहीं कर देती.
शीतल ओहदार ने कहा कि 20 सितंबर को झारखंड के सभी टोटेमिक कुड़मी/कुरमी नामधारी संगठन और समाज के लोग मूरी स्टेशन में जमा होंगे और विरोध दर्ज कराएंगे. शीतल ने कहा कि आज के केंद्रीय आदिवासी मंत्री अर्जुन मुंडा 2004 में झारखण्ड का मुख्यमंत्री रहते कुड़मी/कुरमी को एसटी में शामिल करने की अनुशंसा कर चुके है. मगर आज जब वह खुद केंद्र में मंत्री है, तो उनका रवैया निराशाजनक और उदासीन है. अब केंद्रीय जनजातीय मंत्री बनने के बाद वे टीआरआई की बात कर रहे, इसका आधार क्या है ?
उन्होंने कहा कि भाजपा का चरित्र सामने आ गया है. कुड़मी/कुरमी समाज को बीजेपी ने छला है. 2024 के चुनाव में एक भी कुड़मी/कुरमी सीट में बीजेपी को चुनाव जीतने नहीं देंगे. अर्जुन मुंडा के साथ साथ पूरी भाजपा को सबक सिखाया जायेगा. बैठक में मौजूद अन्य वक्ताओं ने कहा कि कुड़मी/कुरमी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा 51 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सूची तैयार करते है, मगर उसमे कुड़मी/कुरमी का नाम शामिल नहीं है. अर्जुन मुंडा के इस हरकत से कुड़मी/कुरमी समाज आक्रोशित है.