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झारखंडी संस्कृति को सम्मान, आदिवासी परंपरा को मिली पहचान: झारखंड में अब सरकारी समारोहों में बोलना होगा ‘जोहार’, हेमंत सोरेन सरकार ने जारी किया आदेश

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक बार फिर झारखंडी संस्कृति और आदिवासी परंपरा को अलग पहचान दिलाने का काम किया है. अब झारखंड में किसी भी सरकारी कार्यक्रम या समारोहों में अभिवादन के लिए ‘जोहार’ शब्द का प्रयोग किया जायेगा. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. इस संबंध में सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, सभी प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष और डीसी को पत्र भेजकर इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है.

पत्र में सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार के सभी कार्यक्रम और समारोह में अभिवादन के लिए सभी ‘जोहार’ शब्द का प्रयोग करें. साथ ही कहा है कि झारखंड की पहचान एक जनजातीय बाहुल्य राज्य के रूप में है. झारखंड की संस्कृति में ‘जोहार’ बोलकर लोगों का अभिवादन करने की परंपरा है. जो इस राज्य की विशिष्ट संस्कृति और परंपरा को दर्शाता है. इसके अलावा अब किसी भी सरकारी कार्यक्रम या समारोह में गणमान्य अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता या फूल देकर नहीं किया जायेगा. इसकी जगह पौधा, पुस्तक, शॉल या मोमेंटों देकर स्वागत करने का आदेश दिया गया है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों चाईबासा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि अब राज्य में सभी को ‘जोहार’ बोलना होगा. यह आदिवासी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा है.

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