
रांची: जनवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के झारखंड दौरे से पहले राज्य में सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. जेएमएम ने अमित शाह के दौरे को भाजपा के डर और हताशा से जोड़कर कहा कि भाजपा समझ रही है कि झारखंड में उसकी हालत खराब है, इसीलिए लोकसभा चुनाव के 16 महीने पहले ही केंद्रीय नेतृत्व को झारखंड में उतारना पड़ रहा है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री का आना संयोग नहीं है, बल्कि बीजेपी का डर है. राज्य सरकार के कामकाज से भाजपा को ये समझ आ गया है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राज्य में क्या दशा और दिशा होने वाली है. इसीलिए 16 महीने पहले भाजपा के नेताओं को राजनितिक क्लास करनी पड़ रही है. वो भी ऐसे संसदीय क्षेत्र में जहां उनका कोई भी प्रतिनिधि नहीं है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि अमित शाह झारखंड में जितना भी भटक ले, 2024 में भाजपा राज्य में कहीं भी नहीं टिक पायेगी.
हेमंत सरकार के परफॉरमेंस से भाजपा डरी हुई है:
सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को लेकर कहा कि वे बुरी तरह डरे हुए है और हताश है. वे नहीं बता पा रहे कि रघुवर के शासन काल में नियुक्तियां क्यों नहीं हुई थी. श्री भट्टाचार्य ने पूछा कि कहां गया मोमेंटम झारखंड? कहां गया भाजपा का रोड शो? हेमंत सोरेन ने कोई भी रोड शो नहीं किया. केवल परफॉरमेंस किया है. विकास का रोडमैप बनाने का काम किया है. इससे भाजपा घबरा गयी है.
आदिवासी को सत्ता से हटाने वाले संगठित हो गए है:
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ये कह चुके है कि जब भी कोई आदिवासी, दलित या पिछड़ा अपने वजूद के साथ राज करता है, तो उसे सत्ता से हटाने वाली शक्तियां संगठित हो जाती है. यही कारण है कि एक आदिवासी को सत्ता से हटाने वाला गिरोह राज्य में संगठित हो गया है. पूरे कोरोना काल के दौरान भी राज्य में भ्रम की स्थिति बनायी गयी, ताकि विकास ना हो पाए. लोगों की जरूरतें पूरी ना हो पाये. इसमें राजभवन भी शामिल हुआ. बिना किसी आधार के छत्तीसगढ़ में जाकर राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में एटम बम फट सकता है. केंद्रीय एजेंसियों के सहारे राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. ये सब इसीलिए हो रहा है क्योंकि भाजपा जानती है कि अगर हेमंत सोरेन को विकास करने से रोका नहीं गया, तो भाजपा का राज्य में खात्मा हो जायेगा.