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झारखंड में बेरोजगारी के लिए अब बाबूलाल मरांडी ने सरकारी अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार, बोले – अधिकारी नहीं चाहते की नौजवानो की भर्ती हो, क्योकि पैसा इनके सुख सुविधाओं से कट जायेगा

झारखंड की नियुक्ति नियामवली को हाईकोर्ट के द्वारा रद्द किये जाने के बाद से ही नियुक्तियों पर घमासान छिड़ गया है. हर नेता इस मामले में अपना बयान दे रहा है. आरोप प्रत्यारोपो का सिलसिला जारी है. इन सब के बीच अगर कोई इन हालातो का दर्द सह रहा है, तो वो है झारखंड का नौजवान. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इन हालातो के लिए झारखंड सरकार में पदस्थापित अधिकारियों को ही दोषी ठहरा दिया है. बाबूलाल मरांडी ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्वीट किया है कि ” झारखंड में कुछ अफ़सरों में एक लॉबी बन चुकी है. इस लॉबी को झारखंड के नौजवानों, बेरोज़गारों के भविष्य से ज़्यादा खुद के भविष्य की चिंता है. इन्हें लगता है कि नई भर्तियों में जो सरकारी पैसा जाएगा वो कहीं ना कहीं इन अफ़सरों के वेतन,भत्ता,पेंशन,सुख सुविधा पर चोट करेगा. जागो नौजवानों! “

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में झारखंड के सरकारी अधिकारियों से अपील करते हुए कहा है कि जिस तरह आप अपनी बिरादरी (आईएएस/आईपीएस) के सुख-सुविधा,प्रोमोशन, वेतन/रिटायरमेंट बेनिफिट देने के मामलों में समय से दो कदम आगे चलते हैं, वही दृष्टिकोण अपने नीचे के कर्मचारियों-बेरोज़गारों के लिये भी रखिये.

बाबूलाल मरांडी ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि झारखंड के अधिकारी बेरोजगारों को दुसरे दर्जे का आदमी समझते है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा – झारखंड के नौकरशाह बेरोजगारों को दूसरे दर्जे का आदमी समझने की गलती ना करे. जन सामान्य में बढ़ रहे असंतोष की गंभीरता को समझे. लटकाने-भटकाने की प्रवृति छोड़िये. उन्होंने समय के साथ अधिकारियों को सोच बदलने कि नसीहत तक दे डाली. अपने ट्वीट में बाबूलाल मरांडी ने आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन को टैग भी किया है.

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