
दिल्ली. देश की संसद में कुरमी/कुड़मी/घटवार जाति को एसटी सूची में शामिल करने की मांग उठायी गयी है. राज्यसभा सांसद खीरु महतो ने SC/ST (अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति) amendment bill पर बहस में भाग लेते हुए कहा कि झारखंड, बंगाल एवं ओड़िसा के कुरमी/कुड़मी जाति 1931 तक आदिवासी थे. इस जाति की आबादी झारखंड में लगभग 22% है. कुरमी/कुड़मी एवं आदिवासियों का जीवन स्तर एक जैसा ही है. खीरू महतो ने कहा कि लगातार कुरमी/कुड़मी जाति के लोग आदिवासी सूची में शामिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
आसन के माध्यम से उन्होंने केंद्र सरकार से झारखंड, बंगाल एवं ओड़िसा के कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की. खीरु महतो ने कहा कि झारखंड सरकार के द्वारा कुरमी/कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर झारखंड विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है. इसलिए केंद्र सरकार को इस पर अविलंब विचार कर इस जाति को आदिवासी में शामिल करना चाहिए. साथ ही करमाली/कमार एवं घटवार जाति को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाना चाहिए. खीरु महतो ने कहा कि संथाल परगना में करमाली/कमार जाति का जीवन स्तर भी एक जैसा है. झारखंड में घटवार समाज के लोग भी अनुसूचित जनजाति में शामिल होने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. घटवार जाति को भी अनुसूचित जनजाति में केंद्र सरकार शामिल करे.