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टीएसी पर विपक्ष की राजनीति पर भड़का झामुमो, सुप्रियो भट्टाचार्या बोले – छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सरकार ने भी बदली थी टीएसी की नियमावली, कोर्ट ने सही बताया था, फिर झारखंड में बेवजह का विवाद क्यों ?

2006 में जब छत्तीसगढ़ में जब रमन सिंह की सरकार आयी थी, तो उस वक्त उन्होंने इसी प्रावधान के तहत वहां की टीएसी नियमावली में संशोधन किया गया था. उन्होंने कहा है कि बीजेपी नेताओं को बताना चाहिए कि हेमंत सरकार के इस पहल पर क्या आपत्ति है.

रांची. ट्राइबल एडवाइजरी कमिटी पर राजभवन की आपत्ति के बाद राजनीति गर्मा गयी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओ ने भाजपा नेताओ के ऊपर राजभवन को बरगलाने का आरोप लगाया है. जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की नियमावली में किये गए बदलाव पर बीजेपी नेताओं के रवैये पर सवाल उठाते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को पूरी तरह से बरगला दिया है. उन्होंने कहा है कि 2006 में जब छत्तीसगढ़ में जब रमन सिंह की सरकार आयी थी, तो उस वक्त उन्होंने इसी प्रावधान के तहत वहां की टीएसी नियमावली में संशोधन किया गया था. उन्होंने कहा है कि बीजेपी नेताओं को बताना चाहिए कि हेमंत सरकार के इस पहल पर क्या आपत्ति है. जब रमन सिंह सरकार ने ऐसा किया था, तो केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार थी. उस दौरान किसी तरह का विवाद नहीं आया था. लेकिन आज बिना वजह से बीजेपी नेता क्यों विवाद खड़ा कर रहे हैं ?

कोर्ट ने भी रमन सरकार की पहल को ठहराया था सही

सुप्रियो ने कहा कि रमन सरकार की इस पहल के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया था. 2012 में दाखिल इस पीआइएल में सरकार की पहल को चुनौती दी गयी थी.लेकिन कोर्ट ने सुनवाई कर राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय को जायज ठहराया था. बाद में जब याचिकाकर्ता ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, तो वहां भी तीन सदस्यीय बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.

राज्यपाल को दो बार भेजी सूची, मगर राज्यपाल ने लौटा दिया 

जेएमएम नेता ने कहा कि 2019 में हेमंत सरकार के आने के बाद राज्यपाल के पास दो-दो बार सदस्यों के नामों की सूची भेजने का काम किया था. लेकिन राजभवन से दोनों बार यह प्रस्ताव लौटा दिया गया. बता दें कि रविवार को बीजेपी नेताओं ने रविवार को राज्यपाल से मिलकर हेमंत सरकार के द्वारा नियमावली में किये बदलाव पर आपत्ति दर्ज करायी थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि नियमावली में बदलाव का अधिकार राज्य मंत्रिपरिषद को नहीं है.यह अधिकार राज्यपाल को है. ऐसे में हेमंत सरकार का यह कदम राज्यपाल के अधिकार में सीधा-सीधा अतिक्रमण है.

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