
रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य में बच्चों के लिए अस्पताल खोलने का सुझाव दिया है. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल का संचालन रायपुर में हो रहा है. वहां एक साल से 14 साल तक के बच्चों के दिल की बीमारी का मुफ्त में इलाज होता है. उस अस्पताल में बच्चों के मुफ्त इलाज के दौरान दो परिजनों के रहने और खाने-पीने की भी व्यवस्था रहती है.
राज्यपाल रमेश बैस ने रायपुर के अस्पताल के बारे में बताया कि वहां मुफ्त में इलाज के अलावा दवाइयां भी मुफ्त में दी जाती है. राज्यपाल ने बताया कि रायपुर में अस्पताल प्रबंधन के लोगों से उनकी बात हुई है. उन्होंने कहा कि बैंग्लोर में अस्पताल के आलाधिकारियों के सामने इस प्रस्ताव को रखा जायेगा.
दरअसल, झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के पहले दिन कार्यक्रम संपन्न होने पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राज्यपाल अपनी कार में बैठकर रवाना होने वाले थे. इसी दौरान वह रुके और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अस्पताल को लेकर बातचीत की. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर ऐसा अस्पताल झारखंड में खुलेगा तो यहां के बच्चों का भला होगा. उन्होंने कहा कि पुतुर्थी के सत्य श्री साईं बाबा की चैरिटी की तरफ से रायपुर में बच्चों के अस्पताल का संचालन हो रहा है. इसका लाभ गरीब बच्चों को मिल रहा है जो दिल की बिमारियों से ग्रसित है. राज्यपाल रमेश बैस के इस पहल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वागत करते हुए कहा कि इस दिशा में जल्द पहल की जाएगी.
आपको बता दें कि राजधानी रांची में राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में दिल की बीमारी के लिए अलग से कार्डियोलॉजी विभाग है. मगर भारी भीड़ होने की वजह से सही समय पर लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है. अक्सर यहां गरीब मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है. कई बार जरुरी जांच के लिए निजी लैब भी जाना पड़ता है. वहीं दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए अलग से कोई अस्पताल नहीं है. अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल रमेश बैस के सुझाव को अमलीजामा पहनाते है, तो इससे राज्य में दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों को बड़ा लाभ होगा.