HeadlinesJharkhandPoliticsRanchi

सरयू राय ने ट्वीट कर साधा रघुवर दास पर निशाना, पूछा – पुनीत भार्गव-प्रेम प्रकाश की इनोवा-फार्चुनर गाड़ियों पर सवारी करने वाले कबतक बख्शे जाएँगे

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुख्य सचिव रही राजबाला वर्मा और उनके तत्कालीन ओएसडी राकेश चौधरी के साथ प्रेम प्रकाश के क्या रिश्ते है, ईडी इसपर कभी जांच क्यों नहीं करती. सरयू राय एक बयान में ये भी कह चुके है कि रांची के इवेंट मैनेजर आकाश सिन्हा, राकेश चौधरी, रघुवर दास, प्रेम प्रकाश, पुनीत भार्गव, राजबाला वर्मा के आपसी संबंधो की ईडी गहराई से जाँच करे तो मनरेगा घोटाला, शराब घोटाला, गिट्टी घोटाला जैसे मामलो में भी इनकी संलिप्तता सामने आ जाएगी.

भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सबूत देने वाले सरयू राय ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधा है. सरयू राय ने ट्वीट कर पूछा है कि पुनीत भार्गव-प्रेम प्रकाश की इनोवा-फार्चुनर गाड़ियों पर सवारी करने वाले कबतक बख्शे जाएँगे बाबूलाल जी ?

दरअसल सरयू राय ने ईडी द्वारा जमीन कारोबार में संलिप्त व्यापारियों के जमीन से सम्बंधित करोडो के खेल से जुड़े जांच को लेकर निशाना साधा है. ईडी इस मामले में रांची के व्यवसायी विष्णु अग्रवाल और पुनीत भार्गव पर दबिश बढ़ाने की तैयारी कर रही है. पुनीत भार्गव प्रेम प्रकाश का करीबी भी है. सरयू राय ने इससे पहले भी कहा था कि प्रेम प्रकाश के पार्टनर पुनीत भार्गव ने इन्नोवा खरीदकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को दिया जिसका रघुवर दास फरवरी 2020 से इस्तेमाल कर रहे है. एक और फॉर्चूनर गाडी रघुवर दास के पास पायी गयी इससे वो राज्य का दौरा भी करते रहे है. ये गाड़ी भी घोटालेबाजो से जुड़े संदिग्धों के नाम पर ही है. किसने और कब, कैसे ये गाडी खरीद कर रघुवर दास को दी और क्यों दी, ईडी इसकी भी जांच करे.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुख्य सचिव रही राजबाला वर्मा और उनके तत्कालीन ओएसडी राकेश चौधरी के साथ प्रेम प्रकाश के क्या रिश्ते है, ईडी इसपर कभी जांच क्यों नहीं करती. सरयू राय एक बयान में ये भी कह चुके है कि रांची के इवेंट मैनेजर आकाश सिन्हा, राकेश चौधरी, रघुवर दास, प्रेम प्रकाश, पुनीत भार्गव, राजबाला वर्मा के आपसी संबंधो की ईडी गहराई से जाँच करे तो मनरेगा घोटाला, शराब घोटाला, गिट्टी घोटाला जैसे मामलो में भी इनकी संलिप्तता सामने आ जाएगी.

सरयू राय ने पूछा जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे और राजबाला वर्मा मुख्य सचिव थी तब प्रेम प्रकाश की कंपनी द्वारा सात करोड़ रुपये की हेरा फेरी का मामला सामने आया था. तत्कालीन उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे थे, मगर थानेदार ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया. एक कर्मठ आईएएस अधिकारी भोर सिंह यादव को बैरंग वहां से लौटना पड़ा. ईडी पता क्यों नहीं करती कि तत्कालीन सरकार में बैठे किस पदाधिकारी के दबाव में थाने ने प्रेम प्रकाश के खिलाफ एफआईआर लेने से मना कर दिया था. जिसकी वजह से एक बड़ा घोटाला उजागर होते होते रह गया था.

सरयू राय ने कहा कि रघुवर दास के समय का घोटाला हेमंत सोरेन के समय के घोटालो से दो तिहाई अधिक है. मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल को रघुवर सरकार ने क्लीन चिट दे दी गयी थी. शराब घोटाला हुआ. एक आंख में काजल और एक आंख में सूरमा वाली नीति से ईडी की विश्वसनीयता खतरे में घिरती नजर आ रही है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button