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राज्यपाल रमेश बैस की भूमिका संदेह के घेरे में, चुनाव आयोग ने किया साफ़ – राज्यपाल ने सीएम हेमंत सोरेन के मामले में दूसरी बार राय नहीं मांगी

हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के 27 अक्तूबर के एक बयान की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की थी. राज्यपाल ने कहा था कि उन्होंने मामले में चुनाव आयोग से दूसरी राय मांगी है. रमेश बैस ने दावा किया था कि झारखंड में किसी भी समय परमाणु बम विस्फोट हो सकता है.

राज्य में जारी सियासी खींचतान के बीच चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के एक चिट्ठी का जवाब देते हुए राज्यपाल की भूमिका को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएम हेमंत सोरेन के मामले में उन्होंने दूसरी बार चुनाव आयोग से मंतव्य भेजने को कहा है. उसके बाद ही वो कोई निर्णय ले पाएंगे. मगर चुनाव आयोग ने आज ये साफ़ कर दिया की झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सीएम हेमंत सोरेन के मामले में चुनाव आयोग से दोबारा कोई राय नहीं मांगी.

चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उसे राज्यपाल की ओर से ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हेमंत सोरेन के कार्यालय ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि राज्य की छवि खराब करने और संवैधानिक प्राधिकारियों और अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर राजनीतिक अशांति पैदा करने के लिए एक बड़ी राजनीतिक साजिश रची जा रही है. कार्यालय ने कहा कि चुनाव आयोग का पत्र इन चिंताओं को जायज ठहराता है.

आपको बता दे कि रविवार को रांची में हेमंत सोरेन ने कहा था कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह खनन पट्टा मामले में विधायकी से अयोग्य ठहराए जाने के मामले में राज्यपाल द्वारा दूसरी राय मांगे जाने के अनुरोध की एक प्रति उन्हें प्रदान करे. हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के 27 अक्तूबर के एक बयान की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की थी. राज्यपाल ने कहा था कि उन्होंने मामले में चुनाव आयोग से दूसरी राय मांगी है. रमेश बैस ने दावा किया था कि झारखंड में किसी भी समय परमाणु बम विस्फोट हो सकता है.

 

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