
रांची: विधायक सरयू राय ने झारखंड में जारी ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाया है. विधायक सरयू राय ने कहा कि ईडी अगर हेमंत सोरेन से जुड़े अवैध खनन मामले या गिरफ्तार आईएएस पूजा सिंघल के मामले की ईमानदारी से जांच करेगी तो हर मामला रघुवर दास के नजदीक तक बहुत तेजी से जायेगा. सरयू राय ने कहा कि ईडी ने पूजा सिंघल मामले में जो चार्जशीट दिया है, उसमे ईडी ने साफ कहा है कि पूजा सिंघल की अवैध कमाई 2013 से 2019 के बीच की है. उस समय हेमंत सोरेन की सरकार कहीं नहीं आती है.
सरयू राय ने कहा कि पूजा सिंघल का सबसे बड़ा कार्यकाल रघुवर दास की सरकार के समय का था. रघुवर दास की सरकार के समय पूजा सिंघल के बैंक खातों में 169 करोड़ जमा होता है, जबकि वो केवल 61 करोड़ रूपये अपनी कंपनी की कुल कमाई बताती है. तो ये सारा भ्रष्टाचार तो रघुवर दास की सरकार के समय हुआ है. जिस मामले में ईडी ने पूजा सिंघल के खिलाफ चार्जशीट दिया है, उसी मामले में अपनी सरकार में रघुवर दास ने राजबाला वर्मा के साथ मिलकर पूजा सिंघल को क्लीन चिट दिया था. ईडी ने अपने चार्जशीट में इन सभी बातों का उल्लेख कर दिया है.
सरयू राय ने आगे कहा कि रघुवर दास और राजबाला वर्मा ने मिलकर पूजा सिंघल को क्लीन चिट दिया, और इसी मामले में अब ईडी ने पूजा सिंघल को पकड़ा. दूसरा चार्जशीट ईडी ने पंकज मिश्रा के बारे में दिया और जो पत्थर की ढुलाई ईडी ने बताया है कि 251 रैक जो पत्थर गए वो 2015 से 2019 के बीच में गए. जो बिना चालान के गए. और एक रैक में 60 से 70 बोगियां रहती है. वो सारे पत्थर चोरी हुए, जब रघुवर दास मुख्यमंत्री और खान मंत्री थे. जब रघुवर दास ने विभूति कुमार को 2017 में वहां डीएमओ बनाकर भेजा, तो अकेले 2018 में सवा सौ रैक अवैध पत्थर बिना चालान के गया. इसमें दो तिहाई रघुवर दास के समय में गया है और केवल एक तिहाई हेमंत सोरेन के समय में गया है. ईडी ने इन सभी बातो को चार्जशीट में दिखाया है.
सरयू राय ने ईडी की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसी मामले में आज ईडी क्यों सिर्फ हेमंत सोरेन को ही पकड़ेगी, और पूर्व में उसी पद पर बैठे रघुवर दास को नहीं पकड़ेगी. पूजा सिंघल को पकड़ेगी और राजबाला वर्मा को नहीं पकड़ेगी. ईडी अगर ईमानदारी से काम नहीं करेगी तो ईडी की ईमानदारी और नियत पर सवाल तो उठेंगे ही.