
झारखंड के इतिहास में एक बार फिर ग्यारह नवंबर की तारीख सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने जा रही है. हेमंत सरकार ने इस दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र में बहुप्रतीक्षित और करोडो झारखंडियों की जनभावनाओं का बिल यानी 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाये जाने का प्रस्ताव विधानसभा के पटल से पारित कराकर राजभवन को भेज दिया जाएगा. ये वो समय होगा, जिसका इंतज़ार झारखंड का हर नौजवान दशकों से कर रहा था. हेमंत सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित कर दिया था. इसे छह महीने के अंदर विधानसभा से पारित कराया जाना था. जिसकी तैयारी हेमंत सरकार ने काफी पहले से ही शुरू कर दी थी. अब 11 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता वाली सरकार इस बहुप्रतीक्षित मांग को भी विधानसभा के पटल से पारित कर झारखंड के अबतक के इतिहास की सबसे सफलतम सरकार बन जायेगी.
आपको बता दे कि 11 नवंबर हेमंत सरकार के लिए यादगार बन गया है. इसी दिन सरकार ने करोडो आदिवासियों को सरना धर्मकोड के रूप में उनकी पहचान और स्वाभिमान दिलाने के लिए विधानसभा से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास किया था. जिसकी राज्य के ही नहीं बल्कि पूरे देश के आदिवासियों ने जमकर प्रशंसा की थी. आदिवासी समाज में सीएम हेमंत सोरेन की छवि जननायक की बन चुकी है. अब इसी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड को उसका बहुप्रतीक्षित अधिकार वापस दिलाएंगे. तैयारी ऐसी है कि झारखंड का इतिहास ग्यारह नवंबर को शायद कभी भुला नहीं पायेगा.