राज्यपाल रमेश बैस को जेएमएम का जवाब – झारखंड की जनता एटम बम का जवाब तीर धनुष से देना जानती है
केंद्र अपना राजनीतिक फायदा देख रहा है. जाहिर है कि पहले वाले चुनाव आयोग के मंतव्य में कोई ऐसी बात नहीं होगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है, जो रातों रात सरकार बनाती और बिगाड़ती है. अगर चुनाव आयोग के मंतव्य में ऐसा कुछ होता, जिससे राज्य सरकार के सेहत पर असर पड़ता, तो भाजपा अब तक चुप नहीं होती.

ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य का इंतज़ार सत्ता पक्ष के साथ साथ पूरा राज्य कर रहा है. मगर राजभवन इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है. राज्यपाल रमेश बैस की पहेलियों का जवाब अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने अंदाज में दिया है. जेएमएम ने राज्यपाल रमेश बैस के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता तनुज खत्री ने कहा कि राज्यपाल के इस बयान से साफ हो गया कि देश की संवैधानिक संस्था का इस्तेमाल केंद्र कर रहा है. राज्यपाल ने सेकेंड ओपिनियन के लिए चुनाव आयोग को भेजा है. एक बार जब चुनाव आयोग ने इस पर अपनी राय दे दी, तो फिर क्यों चुनाव आयोग से राय मांगी गयी है? साफ है कि इससे चुनाव आयोग के मंतव्य को बदलने की कोशिश है.
केंद्र अपना राजनीतिक फायदा देख रहा है. जाहिर है कि पहले वाले चुनाव आयोग के मंतव्य में कोई ऐसी बात नहीं होगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है, जो रातों रात सरकार बनाती और बिगाड़ती है. अगर चुनाव आयोग के मंतव्य में ऐसा कुछ होता, जिससे राज्य सरकार के सेहत पर असर पड़ता, तो भाजपा अब तक चुप नहीं होती. राज्यपाल चुनाव आयोग से इस मामले में जितनी भी राय ले लें, जनता ने जो राय दे दिया है वह पांच सालों के लिए दिया है. झारखंड प्राकृतिक रूप से अपनी पहचान रखता है और यहां के लोग तीर-धनुष चलाना जानते हैं. इतिहास गवाह है कई बम का जवाब तीर-धनुष से दिया गया है.