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बिना नक़्शे के बने 90% अवैध मकानों को निकाय चुनावों के बाद नियमित कर सकती है हेमंत सरकार, बनी कमिटी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के नगर निकायों में मकान बनाकर रहने वाले लोगो को बड़ी सौगात दे सकते है. सीएम हेमंत सोरेन निकाय चुनाव के बाद शहरी इलाको में बने अवैध मकानों को नियमित करने का काम कर सकते है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने दस सदस्यीय उच्चस्तरीय कमिटी का गठन कर दिया है. समिति विभिन्न राज्यों में अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने को लेकर बनाई गई नीति का अध्ययन करेगी. उसी के मुताबिक राज्य में ऐसे निर्माण को नियमितीकरण करने संबंधी प्रारूप तैयार कर नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपा जाएगा. समिति के अध्यक्ष और सदस्य आवश्यकतानुसार भ्रमण भी कर सकते हैं ताकि योजना को वास्तविक रूप से प्रभावित करने के तौर-तरीकों का अध्ययन कर प्राप्त विशेष पहलुओं को तैयार किए जाने वाले योजना के प्रारूप में समाहित किया जा सके. बीते दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ राज्यसभा सांसद महुआ माजी और झारखंड चैंबर के अधिकारियों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दिशा में गंभीरता दिखाते हुए कमिटी का गठन किया था.

झारखंड में करीब सात लाख मकान अवैध

झारखंड में नए भवन नियमितीकरण नीति के बनने से राज्य के करीब सात लाख मकानों में रहने वालो बड़ी राहत मिलेगी. राजधानी रांची की बात करे तो रांची में आबादी का बोझ काफी अधिक है. यहां बिना नक़्शे के बने मकानों की संख्या में राज्य में सर्वाधिक है. एक आंकड़े के मुताबिक़ राजधानी में करीब 1.90 लाख मकान ऐसे है, जिसका कोई कागजात वैध नहीं है. इन मकानों में कई मकान कमर्शियल तो कई रेसिडेंशियल है. कमर्शियल मकानों में दफ्तर, दुकाने इतियादी भी संचालित की जा रही है.

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