
धनबाद/रांची. धनबाद के चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्दश चंद्र अवस्थी की अदालत ने आज पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी 10 आरोपियों के साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस फैसले के बाद संजीव सिंह के समर्थको ने जमकर जश्न मनाया। सिंह मैंशन से सड़क तक समर्थको ने आतिशबाजी की और एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर अदालत के फैसले का स्वागत किया। इससे पहले 8 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने संजीव सिंह को सशर्त जमानत दी थी। संजीव सिंह फिलहाल रांची के रिम्स में इलाजरत है। संजीव की पत्नी सह झरिया विधायक रागिनी सिंह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत बताया। नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने फैसले पर कहा कि वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
रघुकुल लौटते समय नीरज सिंह को मारी गयी थी गोली
21 मार्च 2017 को रात लगभग 8 बजे, नीरज सिंह अपने आवास ‘रघुकुल’ लौट रहे थे, तभी धनबाद के सरायढेला स्थित स्टील गेट के पास उन पर हमला हुआ। दो बाइक पर सवार चार हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें नीरज सिंह सहित उनके पीए अशोक यादव, ड्राइवर घल्टू महतो और अंगरक्षक मुन्ना तिवारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इस हत्याकांड में नीरज सिंह के चचेरे भाई और झरिया के तत्कालीन विधायक संजीव सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने इस मामले में संजीव सिंह समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस घटना के तार उत्तर प्रदेश से भी जुड़े थे, क्योंकि कुछ शूटर वहीं के थे। हत्याकांड के पीछे मुख्य कारण सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच की आपसी रंजिश को बताया गया था। दोनों परिवार कोयलांचल में दबदबा रखते है।
इस मामले में पुलिस ने संजीव सिंह सहित 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट में लगभग 8 साल तक 408 तारीखों पर सुनवाई हुई, जिसमें 37 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले में अभियोजन पक्ष ने 37 गवाहों को पेश किया, लेकिन बचाव पक्ष ने केवल चार गवाहों की गवाही कराई, जिससे मुकदमा कई सालों तक लटका रहा। इस बीच एक आरोपी अमन सिंह की 2023 में जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल का आदेश दिया और बाद में संजीव सिंह को जमानत भी दे दी गयी।



