
मुख्यमंत्री हेमंत ने आज बलात्कार के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. सीएम ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा की केंद्र सरकार बलात्कारियो को जेल से छुड़ाकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम कर रही है. हेमंत सोरेन ने गुजरात में बिलकिस बानो मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सजा पूरा होने से पहले ही केंद्र सरकार बलात्कारियो को जेल से रिहा करने की अनुमति देती है, जबकि बीजेपी झारखंड में चिल्ला रही है कि यहां रोज बलात्कार, हत्याएं हो रही है. झारखंड में जब भी कोई घटना होती है तो कुछ लोग राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करने लगते है. सरकार एक घंटे में अपराधी को गिरफ्तार कर लेती है. सरकार सीमित दिन के अंदर अनुसंधान करके उन्हें सजा दिलाने का काम करती है.
क्या है बिलकिस बानो मामला : गुजरात के बिलकिस बानो मामले को आजादी के बाद की नृशंस घटनाओ में गिना जाता है. 2002 के गुजरात दंगो के दौरान अपनी जान बचाकर भाग रही बिलकिस बानो और उनके परिवार वालो को तीन मार्च 2002 के दिन 20 से 30 दंगाइयों ने घेर लिया और लाठी तलवारो से उनपर हमला कर दिया. बिलकिस बानो के साथ भीड़ में आये युवको ने जबरन गैंगरेप किया. जब बिलकिस का रेप किया गया, तब वह पांच माह की गर्भवती थी. इतना ही नहीं, बिलकिस के सामने ही उसके परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद 2008 में सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले में 11 लोगो को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस साल आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इस नृशंस वारदात में शामिल सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सजा पूरा होने से पहले ही जेल से रिहा कर दिया. बताया जाता है कि इस रिहाई की अनुमति केंद्र सरकार ने दी थी.