
रांची. कांके से बीजेपी के विधायक समरीलाल की सदस्य्ता बचाने के लिए आज प्रदेश भाजपा राजभवन पहुंची. विधायक समरीलाल के साथ भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी राज्यपाल रमेश बैस से मुलाक़ात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. समरी लाल ने अपने जाति प्रमाण पत्र के मामले को सरकारी षडयंत्र बताया. कहा कि कांके सीट से निर्वाचित मेरा जाति प्रमाण पत्र बगैर किसी आधार के स्थानीय जांच में रद्द कर दिया गया है. रांची डीसी द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में स्थानीय जांच के समय कोई सूचना या नोटिस समरी लाल को नहीं दी गयी. एकतरफा प्रतिवेदन तैयार कर दिया गया. 1943 से समरी के पूर्वज वाल्मीकि नगर, हरमू रोड, रांची में निवासित हैं. समरी लाल का जन्म और शिक्षा भी रांची में हुई. इनकी दादी 1935 से रांची नगर पालिका में कार्यरत रही. इसी तरह भाई सजना राम, भाभी उमराव देवी समेत अन्य ने भी सरकारी नौकरी की और अभी पेंशन धारी हैं. 1985 में निर्दलीय चुनाव लड़ने के अलावे समरी लाल 1990-95 में जनता दल, 2000 में राजद, 2005-2009 में झामुमो और 2019 में भाजपा से चुनाव लड़े. पर इस अवधि में कभी भी उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत नहीं बताया गया. अब सरकारी षडयंत्र के तहत ऐसा किया गया है जिस पर राज्यपाल संज्ञान लेते हुए इस पर रोक लगाएं.